UP Panchayat Chunav 2021: प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत मेंबर के बैलट का रंग तय

(Symbolic Pic)
UP Panchayat Chunav 2021: यूपी के कानपुर जिले में भी पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गयी हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली और प्रयागराज से मतपत्र भी मंगवा लिए गए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 20, 2021, 7:00 AM IST
कानपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले पंचायत चुनावों (Panchayat Election) को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. ऐसे में यूपी के 75 जिलों में परिसीमन के बाद साल 2015 की तुलना में पांच सालों में पंचायतों का दायरा सिमट गया है. जिसके चलते जिला पंचायतों के 3120 वार्ड अब घटकर 3051 रह गए हैं. 880 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्र में मिल गयी हैं.
ऐसे में यूपी के कानपुर जिले में भी पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गयी हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली और प्रयागराज से मतपत्र भी मंगवा लिए गए हैं. जिसमें कुल 50 लाख मतपत्र हैं. कड़ी सुरक्षा में रखे मतपत्र में हरा रंग प्रधान के लिए, नीला रंग बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी और ग्राम पंचायत सदस्य के लुए सफेद रंग का मतपत्र रखा गया गया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में प्रदेश में कुल 59074 ग्राम प्रधानों के पद पर चुनाव हुए थे मगर इस बार हुए संक्षिप्त परिसीमन में 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिये जाने की वजह से अब इस दफा प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में कुल 58194 ग्राम प्रधानों के पद पर ही चुनाव होंगे. ग्राम पंचायतों की संख्या कम होने के साथ ही ग्राम पंचायतों के वार्ड भी कम हो गये हैं. 2015 के पंचायत चुनाव में प्रदेश में कुल 744558 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद पर चुनाव हुए थे जबकि इस बार 731813 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद पर ही चुनाव होंगे.
पंचायतीराज निदेशालय ने सौंपा आंकड़ा
यह सारे आंकड़े उस रिपोर्ट के हैं जो प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के तहत पंचायतीराज निदेशालय ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपे. बता दें कि प्रदेश के 71 जिलों में इस बार संक्षित परिसीमन हुआ जबकि गोण्डा, सम्भल, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर में पूर्ण परिसीमन करवाया गया क्योंकि 2015 के पंचायत चुनाव में कानूनी अड़चनों की वजह से इन चार जिलों में परिसीमन नहीं करवाया जा सका था.
ऐसे में यूपी के कानपुर जिले में भी पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गयी हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली और प्रयागराज से मतपत्र भी मंगवा लिए गए हैं. जिसमें कुल 50 लाख मतपत्र हैं. कड़ी सुरक्षा में रखे मतपत्र में हरा रंग प्रधान के लिए, नीला रंग बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी और ग्राम पंचायत सदस्य के लुए सफेद रंग का मतपत्र रखा गया गया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में प्रदेश में कुल 59074 ग्राम प्रधानों के पद पर चुनाव हुए थे मगर इस बार हुए संक्षिप्त परिसीमन में 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिये जाने की वजह से अब इस दफा प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में कुल 58194 ग्राम प्रधानों के पद पर ही चुनाव होंगे. ग्राम पंचायतों की संख्या कम होने के साथ ही ग्राम पंचायतों के वार्ड भी कम हो गये हैं. 2015 के पंचायत चुनाव में प्रदेश में कुल 744558 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद पर चुनाव हुए थे जबकि इस बार 731813 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद पर ही चुनाव होंगे.
पंचायतीराज निदेशालय ने सौंपा आंकड़ा
यह सारे आंकड़े उस रिपोर्ट के हैं जो प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के तहत पंचायतीराज निदेशालय ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपे. बता दें कि प्रदेश के 71 जिलों में इस बार संक्षित परिसीमन हुआ जबकि गोण्डा, सम्भल, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर में पूर्ण परिसीमन करवाया गया क्योंकि 2015 के पंचायत चुनाव में कानूनी अड़चनों की वजह से इन चार जिलों में परिसीमन नहीं करवाया जा सका था.