कानपुर: गश्त पर निकले सिपाही की गोली लगने से संदिग्ध मौत

जांच करते एसपी राधेश्याम
बता दें कि नरेश मूलरूप से इटावा के भर्थना थाना क्षेत्र के पाली खुर्द गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में वह परिवार संग कानपुर नगर के श्यामनगर में रह रहे थे.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: October 2, 2018, 9:34 AM IST
कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के पामा चौकी में तैनात सिपाही नरेश चंद्र यादव (57) की सोमवार देर रात गोली लगने से मौत हो गई. घायल सिपाही को रीजेंसी अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. सूचना पर कानपुर में रहने वाले परिवारीजन रीजेंसी अस्पताल पहुंचे गए अौर हत्या का अारोप लगाकर में हंगामा करने लगे. कानपुर देहात के एसपी राधेश्याम का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या मामला अात्महत्या का ही है. फोरेंसिक टीम मौके पर जांच कर रही है, रिपोर्ट अाने के बाद अागे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में मृतक सिपाही के परिजन इससे हत्या बता रहे है.
बता दें कि नरेश मूलरूप से इटावा के भर्थना थाना क्षेत्र के पाली खुर्द गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में वह परिवार संग कानपुर नगर के श्यामनगर में रह रहे थे. जानकारी के मुताबिक नरेश साथी सिपाही वेदप्रकाश के साथ गश्त के लिए सरवनखेड़ा गए थे. इसी बीच वेदप्रकाश एक स्थान पर रुक कर लघुशंका करने लगे इस बीच उनके सीने में गोली लग गई और वह मौके पर गिर गए. यह देख साथी सिपाही वेदप्रकाश ने तुरंत अलाधिकारियों को सूचित किया और घायल नरेश को तुरंत रनियां के निजी अस्पताल ले गए जहां से उन्हें कानपुर रेफर किया गया है.
आनन-फानन उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गश्त के दौरान सिपाही को गोली लगने का कारण पुलिस अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा. साथी सिपाही वेदप्रकाश ने नरेश के खुद ही गोली मारने की जानकारी दी. जबकि परिजनों ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं था, जिसकी वजह से नरेश आत्महत्या करें. फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.
(रिपोर्ट: प्रवीण/कानपुर देहात)ये भी पढ़ें:
गोंडा: समाजसेवी प्रदीप कात्यायन की संदिग्ध हालत में मौत, अतिक्रमण के खिलाफ लड़ रहे थे लड़ाई
विवेक तिवारी हत्याकांड: पोस्टमार्टम में सामने आया झूठ, सिपाही ने डिवाइडर पर खड़े होकर मारी थी गोली
गांधी जयंती: यूपी में आज से सभी तरह के पॉलिथीन कैरीबैग पर रोक
बता दें कि नरेश मूलरूप से इटावा के भर्थना थाना क्षेत्र के पाली खुर्द गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में वह परिवार संग कानपुर नगर के श्यामनगर में रह रहे थे. जानकारी के मुताबिक नरेश साथी सिपाही वेदप्रकाश के साथ गश्त के लिए सरवनखेड़ा गए थे. इसी बीच वेदप्रकाश एक स्थान पर रुक कर लघुशंका करने लगे इस बीच उनके सीने में गोली लग गई और वह मौके पर गिर गए. यह देख साथी सिपाही वेदप्रकाश ने तुरंत अलाधिकारियों को सूचित किया और घायल नरेश को तुरंत रनियां के निजी अस्पताल ले गए जहां से उन्हें कानपुर रेफर किया गया है.
आनन-फानन उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गश्त के दौरान सिपाही को गोली लगने का कारण पुलिस अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा. साथी सिपाही वेदप्रकाश ने नरेश के खुद ही गोली मारने की जानकारी दी. जबकि परिजनों ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं था, जिसकी वजह से नरेश आत्महत्या करें. फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.
गोंडा: समाजसेवी प्रदीप कात्यायन की संदिग्ध हालत में मौत, अतिक्रमण के खिलाफ लड़ रहे थे लड़ाई
विवेक तिवारी हत्याकांड: पोस्टमार्टम में सामने आया झूठ, सिपाही ने डिवाइडर पर खड़े होकर मारी थी गोली
गांधी जयंती: यूपी में आज से सभी तरह के पॉलिथीन कैरीबैग पर रोक