Facebook पर देखी पोस्ट और फिर अपना खून देकर सिपाही ने बचाई मासूम की जान

सिपाही ने अनजान-अपरिचित बच्ची की जान अपने खून से बचाई. (प्रतीकात्मक फोटो)
कानपुर में इंजीनियर के रिश्तेदार दरोगा ने ऑपरेशन के लिए खून की कमी बता सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. पुलिस लाइन के सिपाही सागर पोरवाल ने बताया कि उन्होंने यह पोस्ट देखी तो लिखे हुए नंबर पर फोन करके जानकारी ली और फिर अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया
- News18Hindi
- Last Updated: June 26, 2020, 4:05 PM IST
कानपुर. फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) पढ़कर यूपी 112 में तैनात सिपाही रॉबिन सिंह (Policeman Robin Singh) ने 17 दिन के मासूम को खून देकर उसकी जान बचाई. रॉबिन सिंह पुलिस लाइन में बने ब्लड डोनर (Blood Donor) सिपाहियों के फेसबुक पेज पर जुड़े थे. यह मेसेज इसी फेसबुक पेज पर आया था. मेसेज पढ़ने के बाद वह अपने आप को रोक न सके और सीधे पहुंच गए अस्पताल और उसके खून ने बचाई नवजात की जान.
खून की जरूरत की सूचना ऐसे मिली सिपाही को
बांदा (Banda) के रहनेवाले इंजीनियर अवधेश प्रताप सिंह (Engineer Awadhesh Pratap Singh) की पत्नी नेहा (Neha) ने 8 जून को वहीं अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था. जन्म के बाद डॉक्टरों को पता लगा कि बच्चे की आंख डैमेज है. उसकी हालत बिगड़ती देख उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया. नाना राजेश ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी. तब बच्चे को लेकर एंबुलेंस से आनन-फानन में कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. यहां कानपुर में इंजीनियर के रिश्तेदार दरोगा ने ऑपरेशन के लिए खून की कमी बता सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. पुलिस लाइन के सिपाही सागर पोरवाल ने बताया कि उन्होंने यह पोस्ट देखी तो लिखे हुए नंबर पर फोन करके जानकारी ली और फिर अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया. जिसको पढ़ने के बाद 112 की ड्यूटी कर रहे रॉबिन सिंह तत्काल अस्पताल पहुंचे और वहां से स्लिप लेने के बाद ब्लड बैंक गए और उन्होंने एक यूनिट खून दिया. उस खून को इंटरचेंज कराया गया और उस नवजात को खून मिलने के बाद अब उसकी हालत खतरे से बाहर है.
पुलिस महानिरीक्षक ने की सिपाही रॉबिन सिंह की तारीफसिपाही रॉबिन सिंह ने बताया कि वह पुलिस की ड्यूटी करते हैं. इसलिए जानते हैं कि मानवता से बड़ा कोई रिश्ता नहीं है और यदि उसके खून से किसी की जिंदगी बस सकती है तो आगे भी रक्तदान करेंगे. पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने सिपाही की तारीफ की और कहा कि पुलिस में ऐसे तमाम जांबाज हैं जो अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता की भी मिसाल पेश करते हैं. इस सिपाही को वह प्रशस्ति पत्र देंगे और सिपाही का नाम डीजीपी सिल्वर मेडल के लिए भी भेजेंगे.
खून की जरूरत की सूचना ऐसे मिली सिपाही को
बांदा (Banda) के रहनेवाले इंजीनियर अवधेश प्रताप सिंह (Engineer Awadhesh Pratap Singh) की पत्नी नेहा (Neha) ने 8 जून को वहीं अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था. जन्म के बाद डॉक्टरों को पता लगा कि बच्चे की आंख डैमेज है. उसकी हालत बिगड़ती देख उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया. नाना राजेश ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी. तब बच्चे को लेकर एंबुलेंस से आनन-फानन में कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. यहां कानपुर में इंजीनियर के रिश्तेदार दरोगा ने ऑपरेशन के लिए खून की कमी बता सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. पुलिस लाइन के सिपाही सागर पोरवाल ने बताया कि उन्होंने यह पोस्ट देखी तो लिखे हुए नंबर पर फोन करके जानकारी ली और फिर अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया. जिसको पढ़ने के बाद 112 की ड्यूटी कर रहे रॉबिन सिंह तत्काल अस्पताल पहुंचे और वहां से स्लिप लेने के बाद ब्लड बैंक गए और उन्होंने एक यूनिट खून दिया. उस खून को इंटरचेंज कराया गया और उस नवजात को खून मिलने के बाद अब उसकी हालत खतरे से बाहर है.
पुलिस महानिरीक्षक ने की सिपाही रॉबिन सिंह की तारीफसिपाही रॉबिन सिंह ने बताया कि वह पुलिस की ड्यूटी करते हैं. इसलिए जानते हैं कि मानवता से बड़ा कोई रिश्ता नहीं है और यदि उसके खून से किसी की जिंदगी बस सकती है तो आगे भी रक्तदान करेंगे. पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने सिपाही की तारीफ की और कहा कि पुलिस में ऐसे तमाम जांबाज हैं जो अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता की भी मिसाल पेश करते हैं. इस सिपाही को वह प्रशस्ति पत्र देंगे और सिपाही का नाम डीजीपी सिल्वर मेडल के लिए भी भेजेंगे.