Kanpur News: सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी के फर्जी आधार केस मामले में एक और आरोपी को मिली जमानत
कानपुर. महिला की झोपड़ी में आग लगाने और प्लाट कब्जाने के आरोप में जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को फर्जी आधार कार्ड बनवाने और उससे हवाई यात्रा करने के मामले में जमानत मिल गई है. जिसके बाद पुलिस की विवेचन और कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. खुद पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है कि कहां चूक हुई. दरअसल, 2 दिन पहले ही सपा नेत्री और फर्जी आधार बनवाने में मदद करने वाली नूरी शौकत को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. साथ ही उनके ड्राइवर को भी कोर्ट ने जमानत दे दी थी. अब दो दिन बाद ही नूरी शौकत के मौसा इशरत को भी फर्जी आधार मामले में जमानत दे दी.
पुलिस ने सपा नेत्री नूरी शौकत की जमानत मिलने के बाद ही विवेचक के साथ एक बैठक की थी और पुलिस की तरफ से मुकदमा लड़ रहे वकीलों से बात भी की थी. ऐसे में दो दिन बाद ही आधार कार्ड मामले में दूसरी जमानत हो जाने के कारण पुलिस की विवेचना और जल्दबाजी में दाखिल की गई चार्जशीट पर भी सवाल उठ रहे हैं. पहले ही इरफान सोलंकी के वकील गौरव दीक्षित ने फर्जी आधार कार्ड के मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कोर्ट में पुलिस के पास नहीं था जवाब
नूरी शौकत के मौसा इशरत के फर्जी आधार मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क रखा गया कि इरफान व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इशरत अली के घर से इरफान का फर्जी आधार कार्ड बरामद कर लिया था. वहीं इशरत के अधिवक्ता की ओर से झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा गया. कहा गया कि पुलिस ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड की बरामदगी दिखाई और आरोप लगाया कि इरफान सोलंकी ने जिस आधार कार्ड से यात्रा की वह इशरत के पास कैसे पहुंचा? इस बात का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था. जिस पर कोर्ट ने इशरत को जमानत दे दी.
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