रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह, कानपुर
कानपुर. समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट लाए गए. इस दौरान उनका गुस्सा सरकार पर और पुलिसकर्मियों पर एक बार फिर से देखने को मिला. उन्होंने कहा कि वह इंसान नहीं बल्कि जानवर है. उनको पेशाब तक नहीं करने दी जाती है. रात में 2:30 बजे गाड़ी में बैठा कर सीधे कोर्ट ले आया जाता है और फिर यहां से सीधे जेल ले जाया जाता है. उनके साथ इंसान नहीं बल्कि जानवरों की तरह सलूक किया जा रहा है.
गौरतलब है कि सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई पर जाजमऊ इलाके में हुए प्लॉट में आगजनी के मामले समेत कई अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है. वह उत्तर प्रदेश की महाराजगंज जेल में बंद हैं. आगजनी वाले मामले में पेशी के लिए वह कोर्ट लाए गए, लेकिन कानपुर कोर्ट में हड़ताल होने की वजह से गवाही नहीं हो सकी.
रोजा रखते हैं इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी के वकील ने कोर्ट में यह अपील भी की कि उन्हें बार-बार कोर्ट ना बुलाया जाए. बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी पेशी की जाए, क्योंकि रमजान का महीना भी शुरू हो रहा है और धार्मिक मान्यताओं के साथ इरफान रोजा रखते हैं. ऐसे में उन्हें फिजिकल प्रेजेंस से छूट दी जाए और सभी मुकदमों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाए.
फर्जी केस में फंसा रही सरकार
वहीं विधायक इरफान सोलंकी ने कहा, ‘उन्हें अल्लाह पर पूरा भरोसा है उन्हें न्याय मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को भी घेरते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि वह निर्दोष हैं, लेकिन उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है और सरकार जिस प्रकार से मुझे परेशान कर रही है. उससे सरकार की मानसिकता दिख रही है’. इस पूरे मामले को देखते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव उनके परिवार के सदस्य हैं और वे उनके साथ खड़े हैं.
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