त्रेता युग में लंका पर चढ़ाई के दौरान नल और नील की ओर से भगवान राम का नाम पत्थरों पर लिखने के बाद वे पत्थर समुद्र में तैरने लगे थे. ऐसी बातें पुराणों में तो पढ़ने को मिलती हैं, लेकिन जब हकीकत में ऐसा हो तो उसे क्या कहेंगे? चमत्कार या कुछ और?
ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र के ड्योढ़ी घाट हनुमान मंदिर के सामने गंगा नदी में. यहां गंगा की धारा में तैरते पत्थर को देखकर लोगों की भीड़ लग गई.
सूचना मिलते ही मंदिर के महंत श्री चैतन्य प्रकाश ब्रम्हचारी ने पुजारी अमित मिश्र को भेजकर पत्थर को परिसर स्थित मंदिर में रखवा दिया.
मंगलवार सुबह 9 बजे नाविक रामप्रसाद निषाद भक्तों को नाव से मंदिर ला रहे थे. गंगा की धारा में पत्थर बहता दिखाई दिया. कौतूहल बढ़ता देख नाव में पत्थर को रखकर मंदिर परिसर ले आये, जहां स्वामी जी ने परिसर स्थित रामजानकी मंदिर में शिवलिंग के बगल में इस पत्थर को रखवा दिया.
इस बात की सूचना जंगल की आग की तरह फैली और मंदिर में भक्तों का तांता लगा गया. दैवीय चमत्कार मान लोग अब इस पत्थर का दर्शन और पूजन कर रहे हैं. इस बीच सूचना पर कुलगांव चौकी इंचार्ज अशोक मिश्रा भी पहुंचे.
फिलहाल, एक टीम बुलाकर अब इस पत्थर की जांच करवाई जा रही है कि यह तैर कैसे रहा था.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2016, 08:59 IST