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Kanpur News : स्लम और गरीब बच्चों के भविष्य को सींच रहें 'सचान' जीवन अब असहाय नहीं 'उद्देश्य' से भरा है

अब वह खुद का स्कूल बना रहे हैं जहां एक साथ 1000 बच्चे निशुल्क शिक्षा ले सकेंगे, इतना ही नहीं वहां सिर्फ उन्हें एकेडमिक् ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह

कानपुर : शिक्षा हर किसी के जीवन में बेहद जरूरी है. बावजूद इसके स्लम इलाकों के बच्चे शिक्षा के अभाव में जिंदगी जीने को मजबूर रहते हैं. ऐसा नहीं को वो पढ़ना नहीं चाहते, डीवन में आगे कुछ बनना नहीं चाहते. बस उन्हें सही समय पर मौका नहीं मिलता है. ऐसे में कानपुर के उद्देश्य सचान ने उन बच्चों का सहारा बनने का ठाना और ऐसे बच्चों को ना सिर्फ शिक्षा देनी शुरू की बल्कि अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए स्किलफुल शिक्षा भी शुरू की. खास बात ये है कि ये सब उद्देश्य सचान निशुल्क करते हैं.

दरअसल कानपुर के हंस पुरम इलाके में रहने वाले उद्देश्य सचान ने इस सफर की शुरुआत 4 साल पहले की थी. वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. पढ़ाई कर परिवार की ओर से उनके ऊपर जॉब करने का प्रेशर था. उन्होंने कई जगह जॉब के लिए ट्राई किया.

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कुछ जॉब भी की लेकिन उनको सेटिस्फेक्शन नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया. पहले वह बस्तियों में जाकर बच्चों को शिक्षा देते थे. लेकिन जब उनके साथ ज्यादा बच्चे जुड़ने लगे. तब उन्होंने किराए का एक मकान लेकर एक स्कूल की शुरुआत की जिसका नाम रखा गुरुकुलम.

जाने कैसा है गुरुकुलम

उद्देश्य ने अपने स्कूल का नाम गुरुकुलम रखा है. गुरुकुलम खुशियों वाला स्कूल. उनका कहना है कि इस स्कूल में सिर्फ एकेडमिक्स ही नहीं बल्कि बच्चों को आत्म प्रेम का ज्ञान भी दिया जाता है. उन्हें पढ़ाई के साथ तरह-तरह के स्किल सिखाए जाते हैं. योगा सिखाया जाता है. स्पोर्ट्स एक्टिविटीज कराई जाती है. थ्रेटर सिखाया जाता है. उन्हें एक मॉडल स्कूल की तर्ज पर सारी चीजें इस स्कूल में सिखाई जाती हैं वह भी पूरी तरह से निशुल्क.

सबसे ज्यादा किराए की टेंशन थी

उद्देश्य बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें काफी समस्याएं होती थीं. कई-कई महीनों का किराया उनके सिर पर चढ़ आता था. वह अपने खर्चों में से यह स्कूल चला रहे थे. किसी भी तरीके से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना स्कूल चलाते रहे. इन 4 सालों में उद्देश लगभग 500 बच्चों को शिक्षित कर चुके हैं. इस वक्त भी उनके स्कूल में डेढ़ सौ बच्चे निशुल्क शिक्षा पा रहे हैं.

वहीं अब उन्हें लोग जानने लगे हैं. उनके कार्यों की लोग तारीफ करते हैं. जिसके बाद उनके घर परिवार से भी अब उनको पूरा सहयोग मिलता है. वहीं अब बाहर से भी उनको काफी लोग सहयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि विदेशों से भी अब उनके पास सहयोग के लिए लोगों के फोन आते हैं और वह इन बच्चों की पढ़ाई के लिए उनका गुरुकुल में सहयोग कर रहे हैं.

जानिए क्या है आगे की प्लानिंग?

उद्देश अब अपना खुद का 1000 बच्चों के लिए निशुल्क स्कूल बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह किराए के स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने का काम करते थे. लेकिन अब वह खुद का स्कूल बना रहे हैं जहां एक साथ 1000 बच्चे निशुल्क शिक्षा ले सकेंगे. इतना ही नहीं वहां सिर्फ उन्हें एकेडमिक्स नहीं बल्कि अन्य स्किल्स भी सिखाई जाएगी. ताकि वह आगे चलकर भविष्य में कुछ अच्छा कर सकें और अपने पैरों पर खड़े हो सकें.

Tags: Kanpur news, Uttarpradesh news

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