रिपोर्ट: अखंड प्रताप सिंह
कानपुर. कानपुर के हैलट अस्पताल में दवाइयों का संकट गहराने लगा है. अगर जल्द ही अस्पताल प्रशासन को दवाइयां मुहैया नहीं कराई गईं तो मरीजों को दवाएं मिलना बंद हो जाएगा. जी हां मेडिकल कॉलेज में सिर्फ दवाइयों का 15 दिनों का स्टॉक ही बचा है. जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन चिंतित है. आपको बता दें कि कानपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा हैलट अस्पताल और जुड़े हुए अस्पताल संचालित किए जाते हैं. यहां पर कई दिनों से दवाइयों की किल्लत है, दवाइयां अभी तक मेडिकल कॉलेज अपने संसाधनों से मंगा रहा था. लेकिन अब मेडिकल कॉलेज का कोटा भी पूरा हो गया है. हैलट अस्पताल के मुताबिक, शासन के आदेश अनुसार 80 परसेंट दवाएं मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन द्वारा भेजी जाती हैं. साथ ही 20 प्रतिशत का कोटा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पास रहता है.
कई महीनों से बजट के अभाव में मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन द्वारा दवाइयां सप्लाई नहीं की गई है मेडिकल कॉलेज अपने संसाधनों से दवाइयां मंगा रहा था.
अब उसका कोटा खत्म हो गया है, जिससे अब दवाइयों का संकट मेडिकल कॉलेज में पैदा हो गया है.
क्या बोले प्रिंसिपल
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि हैलट अस्पताल में 15 दिनों का दवाइयों का स्टॉक बचा है. मेडिकल कॉलेज अपने कोटे की सभी दवाइयां खरीद चुका है. कई महीनों से दवाओं की सप्लाई नहीं आ रही है जिस वजह से यह संकट पैदा हुआ है. हालांकि प्रिंसिपल संजय काला ने दावा किया कि 1 हफ्ते के अंदर दवाइयों की यह कमी दूर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि उनकी शासन स्तर पर बात हुई है, शासन से उनको आश्वासन मिला है कि मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन का कोटा घटाकर मेडिकल कॉलेज को उस संसाधन से दवाइयां खरीदने की अनुमति मिलेगी.
जिसके बाद यहां पर दवाइयां खरीदी जाएंगी और दवाइयों की कमी को दूर किया जाएगा.
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