लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी में हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और सांसद सांसद अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) ने न्यूज़ 18 पर एक्सक्लूसिव बयान दिया है. अजय मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कराई जा रही है. राजनीतिक द्वेष की भावना से मुझे और मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई ऐसे सबूत हैं, जिससे यह साबित होता है कि मैं और मेरा बेटा घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. घटनास्थल और कार्यक्रम स्थल से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी थी.
उन्होंने कहा कि मेरा बेटा कहीं फरार नहीं हुआ है. पुलिस जब बुलाएगी वह अपना बयान दर्ज कराएगा. गृह मंत्री अमित शाह जी से भी इस विषय पर बात हुई है. आज मुख्यमंत्री जी से भी इस विषय पर बात होगी. मेरा बेटा इस मामले में आरोपी नहीं है.
बता दें लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले में पुलिस को अब भीड़ को गाड़ी टक्कर से मारने वाली थार कार में मौजूद चश्मदीद और केस दर्ज कराने वाले सुमित जायसवाल की तलाश है. यूपी पुलिस ने सुमित जायसवाल को फरार घोषित कर दिया है. पुलिस ने इस केस में अब गिरफ्तार आशीष पांडेय और लव कुश के बयानों के आधार पर सुमित जायसवाल की भी तलाश शुरू की है. अब तक सामने आए 7 आरोपियों में अब आशीष मिश्रा और सुमित जायसवाल से भी पूछताछ होगी.
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा शुक्रवार दिन को पुलिस लाइन में नहीं पहुंचे, जहां उन्हें लखीमपुर हिंसा मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है. बताया जा रहा है कि आशीष को पुलिस ने सुबह 10 बजे तलब किया था लेकिन वह अब तक नहीं पहुंचे हैं. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल समय पर कार्यालय पहुंच गए थे. पुलिस ने अब दोबारा नोटिस चस्पा कर आशीष को शनिवार को पेश होने का कहा है.
बता दें घटना के चश्मदीद सुमित जायसवाल ने कहा था कि हम डिप्टी सीएम का स्वागत करने जा रहे थे लेकिन अचानक लोगों ने हमला कर दिया. सुमित ने कहा कि यदि वे मेरे को पकड़ लेते तो मैं जिंदा आपके सामने नहीं होता, मेरी भी हत्या कर दी जाती. वहां पर लोग हाथों में तलवार और अन्य हथियार लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. हमलावर गाड़ियों में मंत्री जी के बेटे आशीष मिश्रा को तलाश रहे थे, यदि वे गाड़ी में होते तो जिंदा नहीं बच पाते. मैं भी अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागा.
सुमित ने बताया कि हम लोग जब जा रहे थे तो भीड़ ने सामने से हमला किया और हथियारों से मारना शुरू कर दिया. लोग तलवार, लाठी, डंडा लेकर हम लोगों की गाड़ी पर वार कर रहे थे, वे हमें जान से मारना चाहते थे. चारों तरफ मौजूद भीड़ खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रही थी. इसी दौरान मैं वहां से भाग निकला और अपनी जान बचाई. अब हमने मुकदमा दर्ज करवाया है.
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