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नोएडा-ग्रेटर नोएडा से सटे गांवों में शाम होते ही बजेंगे डीजे, जानिए क्यों?

सर्वे में यह भी पता चला है कि राजस्थान में एक भी टिड्डी का अवशेष नहीं मिला है और ना ही कोई टिड्डी जिंदा मिली है. इससे अब उनके अंडे देकर आगे बढ़ने का भी कोई खतरा नहीं है.

सर्वे में यह भी पता चला है कि राजस्थान में एक भी टिड्डी का अवशेष नहीं मिला है और ना ही कोई टिड्डी जिंदा मिली है. इससे अब उनके अंडे देकर आगे बढ़ने का भी कोई खतरा नहीं है.

Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जून के महीने में अक्‍सर टिड्डियों का दल हमला बोलता है. इससे बचने के लिए अभी से ही ...अधिक पढ़ें

    नोएडा. शाम को सूरज ढलते ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा से सटे गांवों में डीजे (DJ) बजाए जाएंगे. जितनी तेज आवाज में मुमकिन हो डीजे पर गाने बजाए जाएंगे. गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) जिला प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है. इसके साथ ही मशालें भी जलाई जाएंगी. टीन के डिब्बे भी जोर-जोर से बजाए जाएंगे. नगाड़े और थाली बजाने के निर्देश भी दिए गए हैं. टिड्डियों के संभावित हमलों को देखते हुए यह तैयारी की जा रही है. बीते साल भी जून में ही लाखों टिड्डियों (Locust) के दल ने खेतों पर हमला किया था. टिड्डियों और उनके अंडों को भी कैसे खत्म किया जाए यह उपाय भी जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को बताए हैं.

    गौतमबुद्ध नगर के जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉक्टर मनबीर सिंह ने सभी किसानों को जानकारी देते हुए कहा है कि टिड्डियों के दल दिन के वक्त तो फसल खाते हैं और रात को अंडे देते हैं. उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि राजस्थान और हरियाणा के रास्ते टिड्डियों के दल गौतमबुद्ध नगर में हमला कर सकते हैं.

    इसलिए जैसे ही पता चले कि रात में टिड्डियों के दल खेतों में रुके हैं तो सुबह उस खेत को जोत दें. टिड्डियों के दल खासतौर पर बालुई मिट्टी में अंडे देते हैं. अगर खेत में इस तरह की मिट्टी है तो पहले से ही उसमें पानी भर दें. टिड्डियों को पानी और मिट्टी के तेल से भरी नाद में गिरा कर भी नष्ट किया जा सकता है.

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    टिड्डियों से निपटने को ऐसे बनाई जा सकती है दवाई
    कृषि रक्षा अधिकारी डॉक्टर मनबीर सिंह के मुताबिक टिड्डियों के दल से निपटने को रसायनिक नियंत्रण के लिए क्लोरोपाइरीफॉस 20 फीसद, ईसी 1.25 लीटर मात्रा या क्लोरोपाइरीफॉस 50 फीसद+साइपरमेथ्रिन 5 फीसद की 480 मिली मात्रा या लैम्डा-साइहेलोथ्रिन 5 फीसद की 400 मिली मात्रा को 750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव किया जाए. टिड्डियों के नियंत्रण के लिए सामूहिक रूप से सभी किसान इकट्ठा होकर रात के वक्त छिड़काव करें. प्रकोप दिखाई देने पर मिथाईल पैराथियान 2 फीसद धूल की 25-30 किग्रा मात्रा को प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें.

    टिड्डी दल के आक्रमण करने के हालात में Locust control organisation फरीदाबाद को www.ppqs.gov.in पर और क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ के फोन नंबर 0522-273203, ईमेल आईडी ipmup12@nic.in पर सूचना दें. जिससे कि प्रशिक्षित व्यक्तियों और समुचित यंत्रों के माध्यम से कंट्रोल किया जा सके. टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना विकास खंड स्तर पर प्रभारी कृषि रक्षा इकाई और जनपद स्तर पर कृषि रक्षा अधिकारी गौतम बुद्ध नगर के फोन नंबर 0120-2377985 पर दें.

    Tags: Crop, Gautam Budh Nagar District Administration, Noida news

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