मायावती को पीएम बनते देखना चाहते हैं अखिलेश यादव
देश में पांचवें चरण के मतदान के बाद छठे और सातवें चरण के लिए जोर-आजमाइश का दौर शुरू हो गया है. खासतौर पर बीजेपी और एसपी-बीएसपी गठबंधन की सियासी रणभूमि का मैदान पूर्वांचल बन गया है. पूर्वांचल की 27 सीटों के लिए अगले दो चरणों में होने वाले मतदान के लिए गठबंधन और बीजेपी के बीच महामुकाबला देखने को मिलेगा.
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल की एक सीट छोड़कर सभी सीटों पर कब्जा जमाया था. इस लोकसभा चुनाव में भी पूर्वांचल पर फतह देश की सत्ता किसके हाथ में होगी? यह तय करने वाली है. ऐसे में बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन के साथ-साथ कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.
पूर्वांचल के रास्ते दिल्ली फतह करने की तैयारी
बीजेपी जहां अपना किला बचाने में लगी हुई है तो वहीं सपा-बसपा गठबंधन इस बार इस किले में सेंध लगाने की संभावना तलाश रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण के साथ वापसी की सपना संजोए बैठी है. ऐसे में पूर्वांचल की लड़ाई देश की राजनीतिक दिशा और दशा तय कर सकती है.
बता दें कि पूर्वांचल में सपा-बसपा गठबंधन को अपने वोटबैंक को बरकरार रखने की कठिन चुनौती है. बुधवार आजमगढ़ में मायावती और अखिलेश यादव की रैली, इसी बात को सही साबित करती है. जानकारों का मानना है कि पूर्वांचल में बीजेपी से सपा-बसपा को अपने वोटों के ट्रांसफर की कड़ी चुनौती मिल रही है. इसी को ध्यान में रखकर अखिलेश यादव और मायावती ने पूर्वांचल के लिए इस बार नई रणनीति बनाई है.
पूर्वांचल के 27 सीटों में से बीजेपी के पास 26 सीटें हैं
लोकसभा चुनाव के छठे और सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की 27 सीटों पर मतदान होने हैं. इन 27 सीटों में से बीजेपी को 26 और सपा को आजमगढ़ की एक सीट 2014 में मिली थी. आजमगढ़ सीट से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साल 2014 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.
2019 लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी ने अपने-अपने वोटबैंक को बरकरार रखने के लिए रणनीति बना रखी है. दोनों पार्टियां अपने-अपने वोटबैंक को एक साथ रखने के लिए अब चुनावी रैली अलग-अलग करने वाले हैं.
वोट ट्रांसफर नहीं होने से एसपी-बीएसपी में चिंता
सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब उन सीटों पर खास ध्यान रख रहे हैं, जहां बीएसपी प्रत्याशी मैदान में है. अखिलेश यादव छठे चरण की श्रावस्ती, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर जैसी सीट पर अकेले जाकर बीएसपी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया है. वहीं, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद और बहराइच जैसी सीटों पर एसपी उम्मीदवार के पक्ष में जाकर प्रचार किया है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सपा-बसपा के वोट ट्रांसफर होने में दिक्कतें आने शुरू हो गई हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ सीटों पर शुरुआती दो-तीन चरणों में दोनों पार्टियों के वोट ट्रांसफर जरूर हुए, लेकिन चौथे और पांचवें चरण में दिक्कतें आनी शुरू हो गईं.
.
Tags: Akhilesh yadav, Bahujan samaj party, Bundelkhand Uttar Pradesh Lok Sabha Elections 2019, Lok Sabha Election 2019, Lok sabha elections 2019, Mayawati, PM Modi, Poorvanchal Uttar Pradesh Lok Sabha Elections 2019, Samajwadi party
CUET Result 2023: दिल्ली यूनिवर्सिटी, JUN, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए CUET 2023 में कितने नंबर चाहिए
'द केरल स्टोरी' ही नहीं, कम बजट की ये फिल्में भी मचा चुकी हैं बवाल, बॉक्स ऑफिस पर हुई करोड़ों की बारिश
सिर्फ बेवकूफ ही ऐसा करेंगे....शोएब अख्तर ने सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली को लेकर कह डाली ऐसी बात, विवाद होना तय!