Lockdown : यूपी की 200 बसें पहुंचीं कोटा, राज्य के 8000 स्टूडेंट्स को लेकर लौटेंगी

कोटा से आज भी यूपी के बच्चों को ले जाने बसें पहुंची थीं. (फाइल फोटो)
जब उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को कोटा से उनके घर के लिए बसों में सवार करके रवाना किया जा रहा था, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा, अन्य प्रदेश भी अगर यूपी की तरह पहल करेंगे तो कोटा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अपने घरों पर अपने परिवार जनों के बीच पहुंचेंगे. हालांकि गहलोत ने कहा कि अगर स्टूडेंट्स कोटा रहने की भी डिमांड करते हैं तो उनके स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया यहां करवाई जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: April 17, 2020, 11:56 PM IST
नोएडा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) को नियंत्रित करने के लिए देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन के बीच देश के दो राज्य आज कोरोना अपडेट की खबरों में सुर्खियों में बने हुए हैं. वजह है शिक्षा की काशी राजस्थान प्रदेश का कोटा शहर, जहां से आज राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) और उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adiyyanath) के समन्वय से उत्तर प्रदेश निवासी 8000 मेडिकल व आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट अपने घर को लौट रहे हैं.
शाम 5 बजे 200 बसें पहुंचीं कोटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा लॉकडाउन मैं अपने घर की राह ताक रहे स्टूडेंट्स को उनके घर भेजने के लिए पहल शुरू की. जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया और आज करीब 200 की तादाद में बसें राजस्थान के कोटा शहर भेजीं. आज शाम करीब 5 बजे उत्तर प्रदेश के झांसी और आगरा से बसें स्टूडेंट्स को लेने पूरी तैयारी के साथ कोटा पहुंचीं. सभी बसों को उत्तर प्रदेश से सैनेटाइज करके राजस्थान के कोटा शहर भेजा गया. बसों में स्टूडेंट्स के लिए मास्क और सैनेटाइजर तक भेजे गए हैं. उत्तर प्रदेश रोडवेज की सभी बसें जब कोटा की सरजमीं पर पहुंचीं तो यहां लॉकडाउन में फंसे छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. हालांकि लॉकडाउन के प्रथम फेज से लेकर अब तक स्टूडेंट की हर डिमांड राजस्थान सरकार का कोटा प्रशासन पूरी करता रहा था. लेकिन बच्चों की ही डिमांड पर उन्हें राजस्थान सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के सुपुर्द कर रही है, ताकि बच्चे अपने घर सकुशल पहुंचें और परिवार के बीच लॉकडाउन में सुरक्षित रहें.
बच्चों की स्क्रीनिंग कर बस में चढ़ाया गया
इधर उत्तर प्रदेश से बसे आने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक कोटा जिला प्रशासन का तमाम अमला और पुलिस प्रशासन स्टूडेंट्स को सकुशल भेजने के लिए जुट गया. कोचिंग संस्थानों के द्वारा जिला प्रशासन को स्टूडेंट्स की सूचियां उत्तर प्रदेश के जिलेवार सौंपी गईं. इस सूची के मुताबिक स्टूडेंट्स को भोजन उपलब्ध करवाते हुए, एक एक बच्चे की स्क्रीनिंग की गई. उन्हें सैनेटाइज करके उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों में सवार करवाया गया. कोटा कलेक्टर ओम कसेरा के निर्देशन में इस काम को अंजाम दिया गया. जब बच्चे बसों में सवार हो रहे थे तो उनके चेहरों पर अपने घर जाने की खुशी साफ झलकती हुई नजर आई.
यह तमाम बसें आज रात को कोटा से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रवाना हुईं.
हर बस में 30 छात्र, गर्ल्स स्टूडेंट के लिए अलग बसें
प्रत्येक बस में 30 की संख्या में स्टूडेंट्स को सवार करवाया गया. गर्ल्स स्टूडेंट्स के लिए अलग से बसों का बंदोबस्त किया गया था. बसों में सवार हुए कई स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावक भी कोटा से रवाना हुए हैं. इधर सूत्रों के मुताबिक आज रात को राजस्थान सरकार की ओर से जयपुर से राजस्थान रोडवेज की बसें कोटा भेजी जाएंगी, जहां से बाकी उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को सवार करके सुबह तक उनके घरों की ओर रवाना किया जाएगा.
इधर जब उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को कोटा से उनके घर के लिए बसों में सवार करके रवाना किया जा रहा था, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा, अन्य प्रदेश भी अगर उत्तर प्रदेश की तरह पहल करेंगे तो कोटा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अपने घरों पर अपने परिवार जनों के बीच पहुंचेंगे.
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की तरफ से कहा गया है कि अगर स्टूडेंट्स कोटा रहने की भी डिमांड करते हैं तो उनके स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया यहां करवाई जाएगी. कोटा में मेडिकल और आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट महज 15 से लेकर 18 साल की उम्र के हैं. ऐसे में अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहने वाले बच्चे परिवारों के साथ लॉकडाउन का वक्त गुजारना चाहते हैं. साथ ही स्टूडेंट के परिजन भी यही उम्मीद करते हैं कि उनके नौनिहाल उनके घर और उनके बीच पहुंच जाएं.
यूपी की सीमा पर भी होगी बच्चों की जांच
इधर उत्तर प्रदेश की बसों में सवार होकर अपने घर की ओर निकले स्टूडेंट्स जब अपने जिलों में अपने घर पर पहुंचेंगे तो अपने प्रदेश की सीमा पर उनकी स्वास्थ्य जांच होगी. इसके बाद उनके संबंधित जिलों में स्थानीय चिकित्सा विभाग उनकी स्वास्थ्य जांच करेगा और घरों तक स्टूडेंट्स को सुरक्षित पहुंचाएगा.
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शाम 5 बजे 200 बसें पहुंचीं कोटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा लॉकडाउन मैं अपने घर की राह ताक रहे स्टूडेंट्स को उनके घर भेजने के लिए पहल शुरू की. जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया और आज करीब 200 की तादाद में बसें राजस्थान के कोटा शहर भेजीं. आज शाम करीब 5 बजे उत्तर प्रदेश के झांसी और आगरा से बसें स्टूडेंट्स को लेने पूरी तैयारी के साथ कोटा पहुंचीं. सभी बसों को उत्तर प्रदेश से सैनेटाइज करके राजस्थान के कोटा शहर भेजा गया. बसों में स्टूडेंट्स के लिए मास्क और सैनेटाइजर तक भेजे गए हैं. उत्तर प्रदेश रोडवेज की सभी बसें जब कोटा की सरजमीं पर पहुंचीं तो यहां लॉकडाउन में फंसे छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. हालांकि लॉकडाउन के प्रथम फेज से लेकर अब तक स्टूडेंट की हर डिमांड राजस्थान सरकार का कोटा प्रशासन पूरी करता रहा था. लेकिन बच्चों की ही डिमांड पर उन्हें राजस्थान सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के सुपुर्द कर रही है, ताकि बच्चे अपने घर सकुशल पहुंचें और परिवार के बीच लॉकडाउन में सुरक्षित रहें.
As the UP govt called back students of UP living in #Kota #Rajasthan, it can also be done for students from other states. Students in Kota can be sent to their home states on the consent of the concerned state govt so that these young boys & girls do not panic or feel depressed.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 17, 2020
बच्चों की स्क्रीनिंग कर बस में चढ़ाया गया
इधर उत्तर प्रदेश से बसे आने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक कोटा जिला प्रशासन का तमाम अमला और पुलिस प्रशासन स्टूडेंट्स को सकुशल भेजने के लिए जुट गया. कोचिंग संस्थानों के द्वारा जिला प्रशासन को स्टूडेंट्स की सूचियां उत्तर प्रदेश के जिलेवार सौंपी गईं. इस सूची के मुताबिक स्टूडेंट्स को भोजन उपलब्ध करवाते हुए, एक एक बच्चे की स्क्रीनिंग की गई. उन्हें सैनेटाइज करके उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों में सवार करवाया गया. कोटा कलेक्टर ओम कसेरा के निर्देशन में इस काम को अंजाम दिया गया. जब बच्चे बसों में सवार हो रहे थे तो उनके चेहरों पर अपने घर जाने की खुशी साफ झलकती हुई नजर आई.
यह तमाम बसें आज रात को कोटा से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रवाना हुईं.
हर बस में 30 छात्र, गर्ल्स स्टूडेंट के लिए अलग बसें
प्रत्येक बस में 30 की संख्या में स्टूडेंट्स को सवार करवाया गया. गर्ल्स स्टूडेंट्स के लिए अलग से बसों का बंदोबस्त किया गया था. बसों में सवार हुए कई स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावक भी कोटा से रवाना हुए हैं. इधर सूत्रों के मुताबिक आज रात को राजस्थान सरकार की ओर से जयपुर से राजस्थान रोडवेज की बसें कोटा भेजी जाएंगी, जहां से बाकी उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को सवार करके सुबह तक उनके घरों की ओर रवाना किया जाएगा.
इधर जब उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को कोटा से उनके घर के लिए बसों में सवार करके रवाना किया जा रहा था, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा, अन्य प्रदेश भी अगर उत्तर प्रदेश की तरह पहल करेंगे तो कोटा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अपने घरों पर अपने परिवार जनों के बीच पहुंचेंगे.
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की तरफ से कहा गया है कि अगर स्टूडेंट्स कोटा रहने की भी डिमांड करते हैं तो उनके स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया यहां करवाई जाएगी. कोटा में मेडिकल और आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट महज 15 से लेकर 18 साल की उम्र के हैं. ऐसे में अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहने वाले बच्चे परिवारों के साथ लॉकडाउन का वक्त गुजारना चाहते हैं. साथ ही स्टूडेंट के परिजन भी यही उम्मीद करते हैं कि उनके नौनिहाल उनके घर और उनके बीच पहुंच जाएं.
यूपी की सीमा पर भी होगी बच्चों की जांच
इधर उत्तर प्रदेश की बसों में सवार होकर अपने घर की ओर निकले स्टूडेंट्स जब अपने जिलों में अपने घर पर पहुंचेंगे तो अपने प्रदेश की सीमा पर उनकी स्वास्थ्य जांच होगी. इसके बाद उनके संबंधित जिलों में स्थानीय चिकित्सा विभाग उनकी स्वास्थ्य जांच करेगा और घरों तक स्टूडेंट्स को सुरक्षित पहुंचाएगा.
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