उत्तर प्रदेश में CAA हिंसा पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, PFI से जुड़े 25 लोग गिरफ्तार

योगी सरकार ने पीएफआई के खिलाफ शख्त कदम उठाए हैं. (File Photo)
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. पीएफआई पिछले कई महीनों से 7 राज्यों में सक्रिय है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 1, 2020, 5:43 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की है, लेकिन इससे पहले यूपी पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 25 व्यक्तियों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि पीएफआई बिल्कुल सिमी का दूसरा रूप है. इस संगठन ने केरल के बाद यूपी में पैर फैलाने शुरू किए हैं.
कई राज्यों तक बढ़ सकता है जांच का दायरा
सूत्रों के मुताबिक, नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में पीएफआई से लिंक निकला. संगठन से जुड़े आरोपियों के यहां से आपत्तिजनक सामग्रियां, साहित्य, सीडी आदि मिले थे. जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा.
सूत्रों के मुताबिक, बताया जा रहा है कि नागरिक संशोधन कानून पर हुए प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के रोल पर जांच का दायरा और ज्यादा बढ़ सकता है. 7 राज्यों में पीएफआई पिछले कई महीनों से सक्रिय है. सूत्रों के अनुसार, इनमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.
PFI पर बैन को लेकर सियासत शुरू
वहीं PFI पर बैन को लेकर सियासत शुरू हो गई. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाये जाने को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार के आरोपों में सच्चाई है तो यह इंटेलिजेंस की बड़ी चूक है. जिसके लिए योगी सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
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जानें कितना खतरनाक है PFI, जिसे बैन करने की मांग कर रही है यूपी सरकार
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि पीएफआई बिल्कुल सिमी का दूसरा रूप है. इस संगठन ने केरल के बाद यूपी में पैर फैलाने शुरू किए हैं.
कई राज्यों तक बढ़ सकता है जांच का दायरा
सूत्रों के मुताबिक, नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में पीएफआई से लिंक निकला. संगठन से जुड़े आरोपियों के यहां से आपत्तिजनक सामग्रियां, साहित्य, सीडी आदि मिले थे. जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा.
Praveen Kumar, IG (Law & Order), Uttar Pradesh: 25 persons affiliated with Popular Front of India (PFI) have been arrested across the state, for their involvement in different criminal activities. pic.twitter.com/1ztLLpAvBX
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2020
सूत्रों के मुताबिक, बताया जा रहा है कि नागरिक संशोधन कानून पर हुए प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के रोल पर जांच का दायरा और ज्यादा बढ़ सकता है. 7 राज्यों में पीएफआई पिछले कई महीनों से सक्रिय है. सूत्रों के अनुसार, इनमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.
PFI पर बैन को लेकर सियासत शुरू
वहीं PFI पर बैन को लेकर सियासत शुरू हो गई. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाये जाने को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार के आरोपों में सच्चाई है तो यह इंटेलिजेंस की बड़ी चूक है. जिसके लिए योगी सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
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