'यह आम रास्ता नहीं विश्वविद्यालय परिसर है' बिना अनुमति प्रवेश पर लगेगा गुंडा एक्ट !
News18 Uttar Pradesh Updated: November 21, 2019, 8:32 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय में अनधिकृत प्रवेश रोक लिए लगाया गया बैनर
डॉक्टर प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में बाहरी तत्वों को बगैर अनुमति प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ऐसा करने वाले बाहरी और निष्कासित छात्रों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी. वहीं छात्रों ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया है.
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- Last Updated: November 21, 2019, 8:32 PM IST
प्रशांत पांडेय
लखनऊ. विश्वविद्यालय (Lucknow University) में अब बाहरी तत्वों, पूर्व व निष्काषित छात्रों के प्रवेश पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की तैयारी है. अब अगर कोई भी अवांछित व्यक्ति विश्वविद्यालय परिसर में घूमता पाया गया तो उस पर सीधे गुंडा एक्ट (Gunda Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बकायदा प्रेस विज्ञप्ति (Press release) जारी की है. हालांकि प्रशासन के इस निर्णय से छात्र-छात्राओं में काफी रोष है.
गुंडा एक्ट की कार्रवाई होगी!
बुधवार को जारी इस नोटिस के बारे में डॉक्टर प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बाहरी तत्वों को बगैर अनुमति प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ऐसा करने वाले बाहरी और निष्कासित छात्रों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी. प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि यह पत्र न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी किया गया है. वहीं इस आदेश को लेकर आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन का तुगलकी आदेश है. हालांकि जानकारों की माने तों वर्तमान में छात्र राजनीति को लेकर BHU और JNU में काफी तनातनी चल रही है इसलिए लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने एहतियातन यह कदम उठाया है.
"यह आम रास्ता नहीं विश्वविद्यालय परिसर है "
यूनिवर्सिटी के आक्रोशित छात्रों का कहना है कि कई बार सगे-संबंधी या भाई-बहनों को छोड़ने पूर्व छात्र व अन्य कॉलेजों के छात्र भी आते हैं ऐसे में उन्हें इस तुगलकी फरमान के चलते बिना वजह परेशानी उठानी पड़ेगी. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय ने प्रवेश रास्ते पर एक बोर्ड भी लगा दिया है जिस पर लिखा है "यह आम रास्ता नहीं विश्वविद्यालय परिसर है ". ऐसे में जहां एक तरफ विश्विद्यालय के छात्रों में बेवजह की कार्रवाई को लेकर डर का माहौल है वहीं दूसरी तरफ़ विश्विद्यालय प्रशासन इसे कोर्ट के आदेश पर उठाया गया कदम बता रहा है.पिछले साल लखनऊ यूनिवर्सिटी में हुए उपद्रव और अभी हाल ही में BHU के दो छात्रावासों में हुए पथराव के दौरान पुलिस को हॉस्टल की तलाशी में 15 बाहरी लोग मिले थे. लखनऊ विवि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की रोकथाम में जुटा नजर आ रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश से इस आदेश को लेकर News 18 संवाददाता ने जब बात करनी चाही तो उन्होंने हाईकोर्ट के एक पूर्व का आदेश का हवाला देते हुए इसे छात्र हित में उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि प्रशासन की मंशा सिर्फ इतनी है कि विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल ठीक रहे और किसी भी तरह की कोई अराजकता न फैले इसको ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है.
ये भी पढ़ें - BHU विवाद में अब हिंदू धर्मगुरु भी कूदे, प्रोफेसर के समर्थन में आए अन्य विभागों के छात्र
लखनऊ. विश्वविद्यालय (Lucknow University) में अब बाहरी तत्वों, पूर्व व निष्काषित छात्रों के प्रवेश पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की तैयारी है. अब अगर कोई भी अवांछित व्यक्ति विश्वविद्यालय परिसर में घूमता पाया गया तो उस पर सीधे गुंडा एक्ट (Gunda Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बकायदा प्रेस विज्ञप्ति (Press release) जारी की है. हालांकि प्रशासन के इस निर्णय से छात्र-छात्राओं में काफी रोष है.
गुंडा एक्ट की कार्रवाई होगी!
बुधवार को जारी इस नोटिस के बारे में डॉक्टर प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बाहरी तत्वों को बगैर अनुमति प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ऐसा करने वाले बाहरी और निष्कासित छात्रों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी. प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि यह पत्र न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी किया गया है. वहीं इस आदेश को लेकर आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन का तुगलकी आदेश है. हालांकि जानकारों की माने तों वर्तमान में छात्र राजनीति को लेकर BHU और JNU में काफी तनातनी चल रही है इसलिए लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने एहतियातन यह कदम उठाया है.

लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
"यह आम रास्ता नहीं विश्वविद्यालय परिसर है "
यूनिवर्सिटी के आक्रोशित छात्रों का कहना है कि कई बार सगे-संबंधी या भाई-बहनों को छोड़ने पूर्व छात्र व अन्य कॉलेजों के छात्र भी आते हैं ऐसे में उन्हें इस तुगलकी फरमान के चलते बिना वजह परेशानी उठानी पड़ेगी. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय ने प्रवेश रास्ते पर एक बोर्ड भी लगा दिया है जिस पर लिखा है "यह आम रास्ता नहीं विश्वविद्यालय परिसर है ". ऐसे में जहां एक तरफ विश्विद्यालय के छात्रों में बेवजह की कार्रवाई को लेकर डर का माहौल है वहीं दूसरी तरफ़ विश्विद्यालय प्रशासन इसे कोर्ट के आदेश पर उठाया गया कदम बता रहा है.
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First published: November 21, 2019, 8:32 PM IST
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