लखनऊ: विभागीय कार्यों में लापरवाह शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के CEO को प्रतिकूल प्रविष्टि

अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि राज्य सरकार (State Government) अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और इसमें किसी भी प्रकार की हीला-हवाली नहीं बर्दाश्त की जाएगी.
अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि राज्य सरकार (State Government) अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और इसमें किसी भी प्रकार की हीला-हवाली नहीं बर्दाश्त की जाएगी.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 7, 2021, 12:37 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने विभागीय कार्यों में उदासीनता और लापरवाही बरतने पर 2 अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ मोहम्मद नसीर हुसैन और सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) के सीईओ सैयद मोहम्मद शोएब अहमद द्वारा अपने कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही थी.
वक्फ बोर्डों के कार्यों में लंबे समय से हीला-हवाली इनके द्वारा बरती जा रही थी. उन्होंने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं को भी हटाए जाने के भी निर्देश दिए. नंदी ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और इसमें किसी भी प्रकार की हीला-हवाली नहीं बर्दाश्त की जाएगी.
उन्होंने निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित जो मामले भारत सरकार में लंबित हैं. उन्हें तत्काल पैरवी करके स्वीकृत कराकर उन्हें प्राथमिकता से लागू करने की व्यवस्था की जाए. नंदी ने इस बात पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की कि प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षा विभागों के पास आईटीआई और पॉलिटेक्निक के उपकरण और मशीनरी क्रय करने की धनराशि वर्षों से पड़ी हुई है. विभाग द्वारा न तो धनराशि खर्च की गई न ही उपकरण क्रय किए गए और न ही धन वापस किया गया. यह स्थिति अच्छी नहीं है इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
उन्होंने कहा कि ऐसे मामले जिनमें उपकरण का पैसा विभाग को नहीं भेजा गया है. उनको निदेशालय द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से उपकरण खरीद का कार्य सुनिश्चित किया जाए. नंदी ने कहा कि लॉकडाउन के समय वित्त विभाग द्वारा कई फाइलों पर छोटी-छोटी आपत्ति लगाई गई थी. उन आपत्तियों का निस्तारण आज तक नहीं किया गया, जिसका कारण स्पष्ट किया जाए. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण स्तर के भौतिक प्रगति को ऑनलाइन मैप के माध्यम से देखे जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और मैप के लिंक को अपडेशन किया जाए और उसकी जियो टैगिंग की जाए.
उन्होंने कहा कि पिछली दो बैठकों में भी हमने आवश्यक निर्देश दिए थे किंतु उनका संज्ञान नहीं लिया गया. कुछ परियोजनाओं की एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है. इन परियोजनाओं की विभाग द्वारा भी गठित तकनीकी समिति से जांच कराकर जांच रिपोर्ट विभाग के माध्यम से एसआईटी को उपलब्ध कराई जाए ताकि इस प्रकार के मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने विभागीय समीक्षा के दौरान मदरसा शिक्षा, छात्रवृति योजना, वक्फ बोर्ड के कार्यकलापों, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, आइजीआरएस, कोर्ट केस, मुसाफिरखाना, वक्फ विकास निगम सुन्नी एवं शिया वक्फ बोर्ड, विभाग के सभी निगमों को एक बिल्डिंग में स्थापित करने सहित अन्य मामलों की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि विभाग की बैठक में निर्णय और उनकी प्रगति की समीक्षा आगामी बैठक में विस्तार से की जाएगी और विभागीय कार्यो के संचालन में रुचि न लेने वाले कर्मियों/अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस अवसर पर अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीना, विशेष सचिव डी एस उपाध्याय एवं जेपी पांडे रजिस्टर आरपी सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
वक्फ बोर्डों के कार्यों में लंबे समय से हीला-हवाली इनके द्वारा बरती जा रही थी. उन्होंने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं को भी हटाए जाने के भी निर्देश दिए. नंदी ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और इसमें किसी भी प्रकार की हीला-हवाली नहीं बर्दाश्त की जाएगी.
उन्होंने निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित जो मामले भारत सरकार में लंबित हैं. उन्हें तत्काल पैरवी करके स्वीकृत कराकर उन्हें प्राथमिकता से लागू करने की व्यवस्था की जाए. नंदी ने इस बात पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की कि प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षा विभागों के पास आईटीआई और पॉलिटेक्निक के उपकरण और मशीनरी क्रय करने की धनराशि वर्षों से पड़ी हुई है. विभाग द्वारा न तो धनराशि खर्च की गई न ही उपकरण क्रय किए गए और न ही धन वापस किया गया. यह स्थिति अच्छी नहीं है इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
आज सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में अल्पसंखयक कल्याण विभाग के उच्य अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।बैठक में शिया बोर्ड और सुन्नी बोर्ड के सी.ई.ओ. को कार्य में शिथिलता के चलते प्रतिकूल प्रविष्टि दिया। pic.twitter.com/7gsu443Ufz
— Nand Gopal Gupta 'Nandi' (@NandiGuptaBJP) January 6, 2021
उन्होंने कहा कि ऐसे मामले जिनमें उपकरण का पैसा विभाग को नहीं भेजा गया है. उनको निदेशालय द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से उपकरण खरीद का कार्य सुनिश्चित किया जाए. नंदी ने कहा कि लॉकडाउन के समय वित्त विभाग द्वारा कई फाइलों पर छोटी-छोटी आपत्ति लगाई गई थी. उन आपत्तियों का निस्तारण आज तक नहीं किया गया, जिसका कारण स्पष्ट किया जाए. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण स्तर के भौतिक प्रगति को ऑनलाइन मैप के माध्यम से देखे जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और मैप के लिंक को अपडेशन किया जाए और उसकी जियो टैगिंग की जाए.
उन्होंने कहा कि पिछली दो बैठकों में भी हमने आवश्यक निर्देश दिए थे किंतु उनका संज्ञान नहीं लिया गया. कुछ परियोजनाओं की एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है. इन परियोजनाओं की विभाग द्वारा भी गठित तकनीकी समिति से जांच कराकर जांच रिपोर्ट विभाग के माध्यम से एसआईटी को उपलब्ध कराई जाए ताकि इस प्रकार के मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने विभागीय समीक्षा के दौरान मदरसा शिक्षा, छात्रवृति योजना, वक्फ बोर्ड के कार्यकलापों, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, आइजीआरएस, कोर्ट केस, मुसाफिरखाना, वक्फ विकास निगम सुन्नी एवं शिया वक्फ बोर्ड, विभाग के सभी निगमों को एक बिल्डिंग में स्थापित करने सहित अन्य मामलों की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि विभाग की बैठक में निर्णय और उनकी प्रगति की समीक्षा आगामी बैठक में विस्तार से की जाएगी और विभागीय कार्यो के संचालन में रुचि न लेने वाले कर्मियों/अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस अवसर पर अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीना, विशेष सचिव डी एस उपाध्याय एवं जेपी पांडे रजिस्टर आरपी सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.