लखनऊ. भले ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकार वायु प्रदूषण (Air Pollution) पर नियंत्रण के लिए पटाखों की बिक्री पर बैन लगा रही हो, पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई कर रही हो, प्रदूषण बढ़ाने वाली फैक्ट्रियों को नोटिस भेज रही हो लेकिन स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में यूपी के कई शहर गंभीर स्थिति से जूझते दिख रहे हैं. स्थिति ये है कि 414 एयर क्वालिटी इंडेक्स् (AQI) के साथ कानपुर (Kanpur) देश का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर है. वैसे लखनऊ में भी यही स्थिति थी लेकिन यहा काफी सुधार देखने को मिला है, जिसके कारण लखनऊवासियों को थोड़ी राहत मिली है.
स्थिति ये है कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में वायु प्रदूषण के मामले में कानपुर टॉप पर है. वहीं गाजियाबाद दूसरे, बागपत तीसरे, मुरादाबाद चौथे, आगरा पांचवे, नोएडा छठे, बुलंदशहर सातवें और ग्रेटर नोएडा आठवें नंबर पर है. गाजियाबाद में 390 एक्यूआई है, जबकि बागपत में 385 है. इसी तरह से मुरादाबाद में 366, आगरा में 359, नोयडा में 340, बुलंदशहर 329, ग्रेटर नोयडा में 327 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है.
13 शहरों में दिवाली पर नहीं जलेंगे पटाखे
उधर बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 13 शहरों में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इन शहरों में मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर शामिल हैं.
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त लखनऊ एवं गौतमबुद्धनगर, पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक परिक्षेत्र, जिला मजिस्ट्रेट, जनपदीय पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी करते हुए एनजीटी के आदेश का अनुपालन किये जाने के निर्देश दिए हैं.
शासनादेश के अनुसार न्यायालय द्वारा प्रदेश के जिन जनपदों के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का उल्लेख किया गया है, उनमें क्रमशः मुजफ्फरनगर (खराब), आगरा, वाराणसी, मेरठ व हापुड़ (बहुत खराब) तथा गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा, बागपत तथा बुलंदशहर को (गंभीर) का नाम है.
प्रतिबंधित शहरों को छोड़कर दूसरे शहरों में ग्रीन क्रैकर्स बेच सकते हैं
शासन द्वारा जारी निदेर्शों में यह भी कहा गया है कि जिन जनपदों में एक्यूआई मॉडरेट या उससे बेहतर है, वहां केवल ग्रीन क्रेकर्स बेचे जाएं. एनजीटी के वर्तमान और पूर्व के निर्देशों का पालन करते हुए इनको बेचा/प्रयोग किया जाएगा. इन जनपदों में दीपावली को मनाने के लिए ग्रीन क्रैकर व डिजिटल/लेजर आदि की नई तकनीकी के प्रयोग को आम जन में प्रोत्साहित किया जाए.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2020, 14:12 IST