समाजवादी पार्टी में मची सियासी तकरार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने एक बार फिर साफ़ कर दिया कि मुख्यमंत्री का चुनाव बहुमत मिलने के बाद ही होगा.
दरअसल, इस फैसले से एक बार फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुस्से में हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने तब तक बर्खास्त मंत्रियों की वापसी नहीं करेंगे, जब तक रामगोपाल की पार्टी में वापसी नहीं होती.
से बातचीत में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह परिवार के झगड़े के बारे में ज्यादा परेशान नहीं हैं. वह अपनी पूरी ऊर्जा चुनाव प्रचार पर लगाना चाहते हैं.
अखिलेश ने कहा, 'मैं अपने प्रचार पर काम कर रहा हूं और मेरा पूरा फोकस 3 नवंबर को निकलने वाली विकास रथ यात्रा पर है. अभी मैं अपने चुनाव प्रचार की थीम और विकास कार्य को जनता तक पहुंचाने में व्यस्त हूं. आखिर में जनता विकास कार्यों को देखकर ही वोट करती है न कि जाति के आधार पर.”
अखिलेश यादव ने पिछले कुछ हफ्ते से चली आ रही फैमिली ड्रामा में अपने आप को खींचे जाने से इनकार कर दिया.
इससे पहले दिन में मुलायम सिंह शिवपाल और अखिलेश के बीच सुलह करने में नाकाम रहे. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 2012 में चुनाव उनके नाम पर लड़ा गया था. अगर इस बार भी उन्हें बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री का चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया से होगी. मुलायम ने अखिलेश के चेहरे पर चुनाव लड़ने के सवाल को टाल गए.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2016, 07:39 IST