लखनऊ. यूपी की सियासत में नीति आयोग की पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक रैंकिंग (Multidimensional Poverty Index Ranking) को लेकर हंगामा मचा हुआ है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की ‘सबसे खराब स्थिति’को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य देश के सबसे तीन गरीब राज्यों में शामिल है.
सपा प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा, ‘भाजपा के राज में नीति आयोग के पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश देश के सबसे गरीब तीन राज्यों में शामिल है. सबसे अधिक कुपोषण में राज्य तीसरे स्थान पर है, तो बाल एवं किशोर मृत्यु दर की श्रेणी में राज्य की स्थिति पूरे देश में सबसे खराब है.’
अखबार की क्लिपिंग भी ट्वीट में की साझा
यही नहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये भाजपा सरकार की नाकामी के तमगे हैं. उन्होंने एक अखबार की क्लिपिंग भी ट्वीट में साझा की, जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक है.
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नीति आयोग की एमपीआई रैंकिंग के मुताबिक, बिहार की 51.91 फीसदी, झारखंड की 42.16 फीसदी और यूपी की 37.79 फीसदी जनसंख्या गरीब है. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश में दादरा और नगर हवेली में सबसे ज्यादा 27.36 फीसदी गरीबी है. वहीं, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 12.58 प्रतिशत, तो दिल्ली में यह आंकड़ा 4.79 फीसदी है.
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