पंचायत चुनाव से पहले मोदी सरकार की UP को बड़ी सौगात, चमकेंगी ग्रामीण सड़कें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (File Photo)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अपर मुख्य सचिव (ग्रामीण विकास) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस बजट में 2534.81 करोड़ रुपये की धनराशि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रदान करेगा, जबकि 1690.46 करोड़ का योगदान राज्य करेगा.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 6, 2021, 12:28 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत उत्तर प्रदेश की ग्रामीण सड़कों को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार द्वारा करीब 6353 किलोमीटर की सड़कों को बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3, बैच-1 के तहत 4225.27 करोड़ रुपये की लागत से 6352.97 किमी लम्बाई की सड़कों का कार्य स्वीकृत किया गया है. इसके जरिये ग्रामीण क्षेत्रों के 906 मार्गों के साथ 5 पुल को भी अपग्रेड किया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव (ग्रामीण विकास) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस बजट में से 2534.81 करोड़ रुपये की धनराशि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रदान करेगा, जबकि 1690.46 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी. PMGSY-3 के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों को अपग्रेड करते हुए 3.75 मीटर और 5.50 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा. साथ ही 2430.12 किमी लम्बाई की 300 सड़कें नई तकनीक से बनेंगी. इस तकनीक से मार्ग पर मौजूद सामग्री के साथ सीमेंट का प्रयोग कर मार्ग का निर्माण होगा. इस पर करीब 3063.12 करोड़ का खर्च आएगा.
एफडीआर तकनीक से बनेगी सड़क
एफडीआर तकनीक से बनने वाली सड़कें मजबूत होने के चलते उनकी उम्र भी बढ़ जाती है. इस नई तकनीक में सड़क में पहले से प्रयुक्त गिट्टी आदि को फिर से प्रयोग में लाया जाता है. जिससे लागत कम हो जाने के साथ समय की बचत होती है.फरवरी से शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
ACS मनोज सिंह आगे बताते हैं कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा सड़कों को बनाने की तैयारी पूरी की जा चुकी है. जल्द ही इन सड़कों की निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ कर फरवरी से निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा. बीते दिनों जिला पंचायत तथा सांसदों की सहमति के बाद जिन सड़कों के निर्माण के संस्तुति केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजी गई थी, उस पर भारत सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इस परियोजना की स्वीकृति प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इससे UP की ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा में बढ़ोत्तरी होगी.
सड़क चयन में कॉलेज, मंडी, अस्पताल को विशेष वरीयता
PMGSY-3 के अन्तर्गत सड़कों के चयन के लिए जनसुविधाओं पर अंक निर्धारित किये गये थे, उसी आधार पर ऑनलाइन सड़कों का चयन हुआ है. सड़कों के चयन में कृषि मंडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक विद्यालय तथा बालिका इंटर कॉलेज को विशेष वरीयता दी गई है. ACS मनोज सिंह के मुताबिक PMGSY-1 (2000-2013) के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 49315.91 किमी की सड़क 12946.24 करोड़ की लागत से तथा PMGSY-2 (2014-2019) के अन्तर्गत 7508.67 किमी का कार्य 3952.85 करोड़ की लागत से पूरा हुआ था.
अपर मुख्य सचिव (ग्रामीण विकास) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस बजट में से 2534.81 करोड़ रुपये की धनराशि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रदान करेगा, जबकि 1690.46 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी. PMGSY-3 के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों को अपग्रेड करते हुए 3.75 मीटर और 5.50 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा. साथ ही 2430.12 किमी लम्बाई की 300 सड़कें नई तकनीक से बनेंगी. इस तकनीक से मार्ग पर मौजूद सामग्री के साथ सीमेंट का प्रयोग कर मार्ग का निर्माण होगा. इस पर करीब 3063.12 करोड़ का खर्च आएगा.
एफडीआर तकनीक से बनेगी सड़क
एफडीआर तकनीक से बनने वाली सड़कें मजबूत होने के चलते उनकी उम्र भी बढ़ जाती है. इस नई तकनीक में सड़क में पहले से प्रयुक्त गिट्टी आदि को फिर से प्रयोग में लाया जाता है. जिससे लागत कम हो जाने के साथ समय की बचत होती है.फरवरी से शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
ACS मनोज सिंह आगे बताते हैं कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा सड़कों को बनाने की तैयारी पूरी की जा चुकी है. जल्द ही इन सड़कों की निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ कर फरवरी से निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा. बीते दिनों जिला पंचायत तथा सांसदों की सहमति के बाद जिन सड़कों के निर्माण के संस्तुति केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजी गई थी, उस पर भारत सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इस परियोजना की स्वीकृति प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इससे UP की ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा में बढ़ोत्तरी होगी.
सड़क चयन में कॉलेज, मंडी, अस्पताल को विशेष वरीयता
PMGSY-3 के अन्तर्गत सड़कों के चयन के लिए जनसुविधाओं पर अंक निर्धारित किये गये थे, उसी आधार पर ऑनलाइन सड़कों का चयन हुआ है. सड़कों के चयन में कृषि मंडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक विद्यालय तथा बालिका इंटर कॉलेज को विशेष वरीयता दी गई है. ACS मनोज सिंह के मुताबिक PMGSY-1 (2000-2013) के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 49315.91 किमी की सड़क 12946.24 करोड़ की लागत से तथा PMGSY-2 (2014-2019) के अन्तर्गत 7508.67 किमी का कार्य 3952.85 करोड़ की लागत से पूरा हुआ था.