UP Panchayat Elections 2021: पंचायत चुनाव कराने के लिए क्या टालनी पड़ेंगी यूपी बोर्ड परीक्षाएं?

(सांकेतिक फोटो)
UP Panchayat Elections 2021: दरअसल 15 मार्च तक यूपी सरकार आरक्षण तय करेगी. इसके लगभग एक हफ्ते बाद चुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है. राज्य निर्वाचन आयोग पर समय से चुनाव कराने की चुनौती है. पूरी चुनावी प्रक्रिया में 40 दिन से कम नहीं लगेंगे.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 13, 2021, 1:45 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में क्या पंचायत चुनावों (UP Panchayat Elections 2021) के लिए बोर्ड परीक्षायें (UP Board Exams) टाली जायेंगी? पहली नज़र में तो ऐसा ही होता दिख रहा है. इस बात को लेकर पंचायती राज विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों के बीच गहन मंथन चल रहा है. अफसर पशो-पेश में हैं. एक तरफ इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabad High Court) ने 30 अप्रैल तक चुनाव खत्म करने के निर्देश दिये हैं तो दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने 24 अप्रैल से बोर्ड परीक्षाओं का एलान कर दिया है.
अफसरों का तर्क है कि ये दोनों एक साथ तो संभव नहीं हैं. अब चूंकि पंचायत चुनाव को आगे नहीं खिसकाया जा सकता क्योंकि कोर्ट के आदेश हैं, लिहाजा ऐसी सूरत में बोर्ड परीक्षाओं को ही टालने का ऑप्शन बचता है. पंचायत चुनाव की डेट भले ही अभी नहीं आई हो लेकिन, ये तय है कि 30 अप्रैल से पहले चुनाव करा लेने हैं. ऐसे में अप्रैल के महीने में चुनावी घमासान देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ बोर्ड परीक्षायें 24 अप्रैल से शुरू हो रही हैं. दोनों की तिथियां ओवरलैप हो रही हैं.
चुनाव और बोर्ड परीक्षाओं में शिक्षकों की बड़ी भूमिका
तकनीकी तौर पर ऐसा संभव नहीं हो सकता क्योंकि चुनाव कराने में उन कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है, जो बोर्ड परीक्षायें कराते हैं. यानी शिक्षक. दूसरा, ज्यादातर जगह स्कूल ही पोलिंग बूथ बनाये जाते हैं. ऐसे में चुनाव और बोर्ड परीक्षायें साथ-साथ तो संभव नहीं दिखतीं. इसीलिए इस बात की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है कि क्या बोर्ड परीक्षायें टाली जायेंगी?चुनाव होते-होते अप्रैल का आखिरी हफ्ता आ जाएगा
राज्य निर्वाचन आयोग पर समय से चुनाव कराने की चुनौती है. 15 मार्च तक सरकार आरक्षण तय करेगी. इसके लगभग एक हफ्ते बाद चुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है. पूरी चुनावी प्रक्रिया में 40 दिन से कम नहीं लगेंगे. ऐसे में चुनाव होते-होते अप्रैल का आखिरी हफ्ता आ जाएगा. इसी हफ्ते बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होनी हैं. लिहाजा इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि बोर्ड परीक्षाओं को थोड़ा आगे बढ़ाया जायेगा. यानी अप्रैल की जगह बोर्ड परीक्षायें मई से शुरू हो सकती हैं. हालांकि इस मामले में माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग के किसी भी अफसर ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन मंथन चल रहा है.
अफसरों का तर्क है कि ये दोनों एक साथ तो संभव नहीं हैं. अब चूंकि पंचायत चुनाव को आगे नहीं खिसकाया जा सकता क्योंकि कोर्ट के आदेश हैं, लिहाजा ऐसी सूरत में बोर्ड परीक्षाओं को ही टालने का ऑप्शन बचता है. पंचायत चुनाव की डेट भले ही अभी नहीं आई हो लेकिन, ये तय है कि 30 अप्रैल से पहले चुनाव करा लेने हैं. ऐसे में अप्रैल के महीने में चुनावी घमासान देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ बोर्ड परीक्षायें 24 अप्रैल से शुरू हो रही हैं. दोनों की तिथियां ओवरलैप हो रही हैं.
चुनाव और बोर्ड परीक्षाओं में शिक्षकों की बड़ी भूमिका
राज्य निर्वाचन आयोग पर समय से चुनाव कराने की चुनौती है. 15 मार्च तक सरकार आरक्षण तय करेगी. इसके लगभग एक हफ्ते बाद चुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है. पूरी चुनावी प्रक्रिया में 40 दिन से कम नहीं लगेंगे. ऐसे में चुनाव होते-होते अप्रैल का आखिरी हफ्ता आ जाएगा. इसी हफ्ते बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होनी हैं. लिहाजा इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि बोर्ड परीक्षाओं को थोड़ा आगे बढ़ाया जायेगा. यानी अप्रैल की जगह बोर्ड परीक्षायें मई से शुरू हो सकती हैं. हालांकि इस मामले में माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग के किसी भी अफसर ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन मंथन चल रहा है.