पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने शुक्रवार को बाबरी विध्वंस केस (Babri Demolition Case) में सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआई के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया. उन्होंने अपने बयान में कहा, 'मैं निर्दोष हूं. मैं किसी भी घटना में शामिल नहीं था.' कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए आडवाणी ने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार के इशारे पर मुझे साजिशन फंसाया गया है.
के समक्ष भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी (Murali Manohar Joshi) ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराया था. उन्होंने कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे. यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है. इसके अलावा जोशी ने सीबीआई के सभी आरोपों को सिरे से नकाराते हुए गवाहों के बयान को भी झूठा बताया है.
भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने साथ ही कोर्ट से कहा कि सबूत के तौर पर पेश वीडियो कैसेट से छेड़छाड़ हुई है, जबकि योजना के तहत कैसेट को जांच में शामिल किया गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह राम जन्मभूमि स्थल गए थे और उन्होंने वहां मंदिर निर्माण का संकल्प नहीं दोहराया था. वहीं, जोशी ने उस वक्त के समाचार पत्रों की खबरों का भी खंडन किया. उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह अपनी बेगुनाही के सबूत समय आने पर पेश करेंगे.
आपको बता दें कि सीबीआई ने बाबरी ढांचा ध्वंस मामले में जोशी से 1050 सवाल पूछे. जी हां, सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ बयान दर्ज करने का सिलसिला दोपहर 3:30 बजे तक चला. बहरहाल, बाबरी मामले में अब तक 29 आरोपियों के बयान दर्ज हो चुके हैं. जोशी के बाद सिर्फ सिर्फ लाल कृष्ण आडवाणी और सतीश प्रधान के बयान होने हैं. 28 जुलाई को सतीश प्रधान के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगे. इस मामले में एक आरोपी ओमप्रकाश पांडे फ़रार घोषित हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2020, 17:31 IST