मामले में उस समय दिलचस्प मोड़ आ गया, जब बैलगाड़ी में बंधा बैल और उसका मालिक धूप में खड़े भूख से परेशान नजर आए.
पूरी शान से बैलगाड़ी में बैठकर विधानसभा पहुंचे. यहां मीडिया से कवरेज कराने के बाद वह सीधे विधानसभा में अंदर चले गए. इसके बाद विधायक के समर्थक भी वहां से चले गए.
अकेला बचा बैलगाड़ी मालिक राम लखन यादव धूप में बैलगाड़ी लिए काफी देर तक विधायक से मिलने वाले मेहनताने का इंतजार करता रहा. वह इस बात से परेशान था कि विधायक बिना पैसा दिए सदन में चले गए और अब वह खाना कैसे खाएगा.
राम लखन ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से धीरे-धीरे बैलगाड़ी से झांसी से लखनऊ पहुंचा था. इस दौरान विधायक के समर्थकों ने उसे मेहनताना देने का वादा किया था, लेकिन अब वह अकेला है. उसे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करे. इस शहर में वह और किसी को जानता भी नहीं है.
उधर, राम लखन की परेशानी को लेकर जब खबर चलने लगी तो कुछ लोगों ने राम लखन से संपर्क किया और उसे व उसकी बैलगाड़ी को विधानसभा से दूर किसी जगह ले गए.
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FIRST PUBLISHED : May 15, 2017, 14:03 IST