लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार बना मुसीबत, 10 से 12 घंटे की वेटिंग

लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में 10 से 12 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर संकट खड़ा हो गया है. दरअसल भैसाकुंड बैकुंठ धाम में विद्युत शवगृह की एक मशीन खराब होने के कारण सिर्फ एक ही मशीन चल रही है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: April 8, 2021, 7:15 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना (COVID-19) के बढ़ते मामले चिंता का सबब बने हुए हैं. सरकार संक्रमण के बढ़ने को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में 500 से ज्यादा मरीज हैं, वहां नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाने की छूट डीएम को दे दी गई है. अब तक लखनऊ (Lucknow), वाराणसी (Varanasi), प्रयागराज (Prayagraj) और कानपुर (Kanpur) में इसका ऐलान भी कर दिया गया है. इन सबके बीच कोरोना संक्रमण से मरने वालों के लिए मरने के बाद भी मुसीबतें कम नहीं हैं.
असल में कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत कोविड संक्रमण से मरने वालों का शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवगृह में ही किया जा सकता है. उन्हें जलाने की परमिशन नहीं दी जाती. कब्रिस्तान में भी मुस्लिम शवों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. लेकिन लखनऊ के भैसाकुंड बैकुंठ धाम में विद्युत शवगृह की एक मशीन खराब होने के कारण सिर्फ एक ही मशीन चल रही है. जिसके कारण शवों का अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिवारों को कई-कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है.
सुबह 9.30 बजे आए, रात 8 बजे आएगा नंबरराजधानी लखनऊ के पीजीआई इलाके से आए एक व्यक्ति ने बताया कि उसके घर में उनके ससुर की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई थी. उसके बाद आज सुबह 9:30 बजे उनके शव को लेकर भैसा कुंड पहुंचे. लेकिन वहां पहले से ही शवों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनको टोकन का 9 नंबर मिला. उन्होंने बताया कि उनके टोकन की संख्या का समय रात में तकरीबन 8:00 बजे के आसपास आएगा. यानी कि संक्रमण से मौतों के बाद शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को 10 से 12 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.
एक मशीन खराब, अब तक नहीं हुई ठीक
भैसा कुंड के इंचार्ज आजाद ने भी बताया कि यहां पर 2 विद्युत शवगृह चलते हैं लेकिन अभी एक मशीन खराब चल रही है. सिर्फ एक ही मशीन के जरिए अंतिम संस्कार कराया जा रहा है इसीलिए समय लग रहा है. हालांकि कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि मृत्यु के बाद भी शवों के अंतिम संस्कार में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो. शवों को ज्यादा देर कहीं पर भी ना रखा जाए लेकिन विद्युत शवगृह में इंतजामों की कमी होने के चलते परिजनों को अनेको संकटों का सामना करना पड़ रहा है. लोग शवगृह के सामने तपती धूप में खड़े रहकर अपनी बारी का इन्तिज़ार करने को मजबूर हैं.
असल में कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत कोविड संक्रमण से मरने वालों का शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवगृह में ही किया जा सकता है. उन्हें जलाने की परमिशन नहीं दी जाती. कब्रिस्तान में भी मुस्लिम शवों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. लेकिन लखनऊ के भैसाकुंड बैकुंठ धाम में विद्युत शवगृह की एक मशीन खराब होने के कारण सिर्फ एक ही मशीन चल रही है. जिसके कारण शवों का अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिवारों को कई-कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है.

एक मशीन खराब, अब तक नहीं हुई ठीक
भैसा कुंड के इंचार्ज आजाद ने भी बताया कि यहां पर 2 विद्युत शवगृह चलते हैं लेकिन अभी एक मशीन खराब चल रही है. सिर्फ एक ही मशीन के जरिए अंतिम संस्कार कराया जा रहा है इसीलिए समय लग रहा है. हालांकि कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि मृत्यु के बाद भी शवों के अंतिम संस्कार में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो. शवों को ज्यादा देर कहीं पर भी ना रखा जाए लेकिन विद्युत शवगृह में इंतजामों की कमी होने के चलते परिजनों को अनेको संकटों का सामना करना पड़ रहा है. लोग शवगृह के सामने तपती धूप में खड़े रहकर अपनी बारी का इन्तिज़ार करने को मजबूर हैं.