मायावती ने कांग्रेस पर दलितों को अपने बुरे समय में ही याद करने और उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाने का आरोप लगाया है. (फाइल फोटो)
लखनऊ. मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के एक दिन बाद गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने 137 साल पुरानी पार्टी पर दलितों को अपने बुरे समय में ही याद करने और उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाने का आरोप लगाया है. खड़गे (80) कर्नाटक से एक दलित नेता हैं और वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चार दिन पहले हुए ऐतिहासिक चुनाव में 66 वर्षीय शशि थरूर को हराकर 24 साल में पहले गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि इन्होंने दलितों व उपेक्षितों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और इनके समाज की हमेशा उपेक्षा/तिरस्कार किया. इस पार्टी को अपने अच्छे दिनों में दलितों की सुरक्षा व सम्मान की याद नहीं आती बल्कि बुरे दिनों में इनको बलि का बकरा बनाते हैं.
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने अच्छे दिनों के लंबे समय में अधिकांशतः गैर-दलितों को एवं वर्तमान की तरह अपने बुरे दिनों में दलितों को आगे रखने की याद आती है. क्या यह छलावा व छद्म राजनीति नहीं? लोग पूछते हैं कि क्या यही है कांग्रेस का दलितों के प्रति वास्तविक प्रेम?
मालूम हो कि गांधी परिवार के विश्वासपात्र माने जाने वाले खड़गे 26 अक्ट्रबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान हुआ था. इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने थे. अध्यक्ष पद के चुनाव में कुल 9,385 मत पड़े, जिनमें से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को 7,897 वोट मिले और थरूर को 1,072 वोट मिले. वहीं 416 वोट अमान्य करार दिए गए थे.
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Tags: BSP chief Mayawati, Congress, Mallikarjun kharge
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