डॉ. कफील खान की पत्नी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र, सुरक्षा के लिए किया अनुरोध

डॉक्टर कफील खान ने 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया था.
बीते 29 जनवरी को डॉ. कफील खान (Dr. Kafeel Khan) को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया था. उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अलीगढ़ में दिए गए भड़काऊ भाषण के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: March 1, 2020, 6:12 AM IST
लखनऊ. डॉ. कफील खान (Dr. Kafeel Khan) की पत्नी शबिस्ता खान (Shabista Khan) ने उच्च न्यायालय (high Court) के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है. पत्र में उसने मुख्य न्यायाधीश से अपने पति की सुरक्षा के लिए अनुरोध किया है. दरअसल, कफील खान फड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल में बंद हैं. बीते 29 जनवरी को उन्हें मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया था. उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अलीगढ़ में दिए गए भड़काऊ भाषण के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था. डॉक्टर कफील खान ने 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया था.
तब शहर पुलिस स्टेशन इंचार्ज शशिकांत माणे ने कहा था कि डॉक्टर कफील को फिलहाल थाने में लाया गया है. उन्हें इंसपेक्टर बिजेंद्र शर्मा और इंसपेक्टर प्रमोद वर्मा ने गिरफ्तार किया है. आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने पुष्टि की कि उन्हें अलीगढ़ विरोध के दौरान आपत्तिजनक बयान में गिरफ्तार किया गया.
यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है
वहीं, बांद्रा कोर्ट के लिए ले जाते वक्त डॉ. कफील खान ने मीडियापर्सन से कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में ही रहने दिया जाए. उन्होंने कहा, 'मुझे गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिली, अब वे मुझे दोबारा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से निवेदन करता हूं कि मुझे यहीं रहने दिया जाए, मुझे यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है.'
2017 में हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि डॉक्टर कफील खान साल 2017 में तब चर्चा में आए थे जब गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में दो दिन के अंदर 30 बच्चों की मौत हो गई थी. गौरतलब है कि डॉक्टर कफील खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. घटना के वक्त वह एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. बाद में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था. वे लगभग 7 महीने तक जेल में बंद रहे. अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. वहीं, डॉ. कफील ने अपने निलंबन को लेकर चल रही जांच को कोर्ट में चुनौती दी थी.
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तब शहर पुलिस स्टेशन इंचार्ज शशिकांत माणे ने कहा था कि डॉक्टर कफील को फिलहाल थाने में लाया गया है. उन्हें इंसपेक्टर बिजेंद्र शर्मा और इंसपेक्टर प्रमोद वर्मा ने गिरफ्तार किया है. आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने पुष्टि की कि उन्हें अलीगढ़ विरोध के दौरान आपत्तिजनक बयान में गिरफ्तार किया गया.
Shabista Khan, wife of Dr. Kafeel Khan who was detained under the National Security Act for alleged inflammatory statements, has written a letter to the Chief Justice of the High Court requesting security to her husband
Read @ANI story | https://t.co/yPN4vzwqP6 pic.twitter.com/UOpsfMbbFP— ANI Digital (@ani_digital) February 29, 2020
यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है
वहीं, बांद्रा कोर्ट के लिए ले जाते वक्त डॉ. कफील खान ने मीडियापर्सन से कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में ही रहने दिया जाए. उन्होंने कहा, 'मुझे गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिली, अब वे मुझे दोबारा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से निवेदन करता हूं कि मुझे यहीं रहने दिया जाए, मुझे यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है.'
2017 में हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि डॉक्टर कफील खान साल 2017 में तब चर्चा में आए थे जब गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में दो दिन के अंदर 30 बच्चों की मौत हो गई थी. गौरतलब है कि डॉक्टर कफील खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. घटना के वक्त वह एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. बाद में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था. वे लगभग 7 महीने तक जेल में बंद रहे. अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. वहीं, डॉ. कफील ने अपने निलंबन को लेकर चल रही जांच को कोर्ट में चुनौती दी थी.
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