लखनऊ. जनवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के ऐलान के साथ ही सरकारी खजाने में जमकर धनवर्षा हुई. शराब (Liquor) के शौकीनों ने चुनाव के समय में जमकर जाम छलकाए. जिसका नतीजा यह रहा कि आबकारी विभाग की बंपर कमाई हुई. अकेले जनवरी महीने में ही आबकारी मद से खजाने में 3471.41 करोड़ रुपये पहुंच गए थे. आबकारी विभाग के आंकड़ों की बात करें तो जनवरी और फरवरी महीने में जब प्रदेश चुनावी शोर गूंज रहा था तब लोगों ने छक कर शराब पी. देसी, अंग्रेजी और बियर तीनों बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला.
आबकारी विभाग के मुताबिक फ़रवरी 2021 के मुकाबले फरवरी 2022 में देसी, अंग्रेजी शराब और बीयर तीनों की बिक्री बड़ा इजाफा हुआ है. 2022 में देसी शराब की बिक्री में 13फीसदी, अंग्रेजी शराब की बिक्री में 18 फीसदी और बीयर की बिक्री में 58.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. वित्त विभाग के मुताबिक जनवरी 2022 में प्रदेश के खजाने में आबकारी मद में लक्ष्य के सापेक्ष 114.9 फीसदी राजस्व मिला. जानकार इसे कारोबार और बाजार के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं.
खजाने में 2060.59 करोड़ रुपये अधिक पहुंचे
दरअसल, कारोबारी गतिविधियों के नजरिए से देखें तो सब कुछ सामान्य रहने पर भी सामान्यत: किसी भी महीने के लिए निर्धारित कर राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष 75 से 85 फीसदी तक मिलता रहा है. अगर हम जनवरी 2021 की बात करें तो राज्य सरकार को विभिन्न करों से 97.5 फीसदी कर राजस्व प्राप्त हुआ था. इस बार जनवरी 2021 के मुकाबले जनवरी 2022 में सरकार के खजाने में 2060.59 करोड़ रुपये अधिक पहुंचे। जानकारों के मुताबिक राजस्व में इस वृद्धि के प्रमुख कारण आबकारी और जीएसटी हैं. इन दोनों मदों में तय लक्ष्य से अधिक राजस्व मिला है.
बाजार हो रहा गुलजार
अगर आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो जीएसटी में वृद्धि इस बात का संकेत है कि प्रदेश में अन्य कारोबारी गतिविधियां खासकर बाजार कोरोना काल की मंदी से उबर कर गुलजार होता दिख रहा है.
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