ने सोमवार को सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के बढ़ते प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे भी इस अफवाह के शिकार बन चुके हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी में 'बियॉन्ड फेक न्यूज' कांफ्रेंस में बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि यह एक वायरस की तरह है.
उन्होंने कहा, "आज कुछ लोग राष्ट्रवाद के नाम पर फेक न्यूज का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में ऐसे लोग राष्ट्र विरोधी हैं. ये फेक न्यूज वायरस की तरह हैं और आज पूरी सोसाइटी इस वायरस से ग्रसित हो सकती है. फेक न्यूज ने जानें भी ली हैं और समाज को बांटने का काम कर रही है."
अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए कहा, "एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष ने मेरे द्वारा मेरे पिता की पिटाई की फर्जी खबर को व्हाट्सएप ग्रुप में फैलाया और एक महिला पत्रकार ने इस अफवाह को खबर बनाकर दिखाया. कुछ राजनैतिक दल व्हाट्सएप पर लाखों ग्रुप्स बनाकर अफवाहें फैला रहे हैं, उनका मकसद लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाना है."
बसपा के साथ गठबंधन पर अखिलेश ने कहा, “कई राजनैतिक दल हमारे गठबंधन से खौफजदा हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच वास्तविक गठबंधन की शुरुआत लोहिया जी और बाबा साहेब आंबेडकर के दौरान ही शुरू हुई थी, जिसे नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और कांशीरामजी ने आगे बढ़ाया. अब हम भी इसे और आगे ले जाने की कोशिश करेंगे."
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2018, 15:34 IST