एसपी सीतापुर एलआर कुमार. Photo: News 18
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक परिवार रो रहा है. सभी की आंखों में आंसू है. परिवार के सभी लोग डरे और सहमे से है. इस परिवार को इतना खौफ यूपी पुलिस का एक दरोगा से है. आरोप है कि दरोगा ने इनकी मां को पिछले 3 महीनो से कैद कर रखा है. पीड़ित परिवार का कहना है की न तो दरोगा उनकी मां से उनकी बात कराता है, न ही मिलने देता है.
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पीड़ित लड़कियों का आरोप तो ये भी है कि उनकी मां को दरोगा ने वैश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया है. यही नहीं वह कई महिलाओं से ये धंधा कर करवाता है. लेकिन उसके आगे कोई बोलने को तैयार नहीं है. पुलिस अधिकारियों में भी दरोगा की शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई.
पीड़ित लड़कियों के अधिकारियों ने ब्यान दर्ज किये लेकिन उसके बाद सभी अधिकारी शांत हो गए. आगे की कोई कार्यवाही नहीं हुई. न ही दोनों बहनों को कोई जवाब मिला. पुलिस अधिकारी अभी भी जांच की बात कहते हैं. सीतापुर पुलिस से अब ये पीड़ित बच्चियां पूरी तरह टूट चुकी हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ की शरण में जाने की तैयारी कर रही हैं.
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सीतापुर से 35 किलोमीटर दूर पिसावां इलाके का ये परिवार बेहद परेशान है. इस परिवार में अब पिता सहित दो बेटियां है. दोनों की पढ़ाई चल रही थी. जो अब पूरी तरह चौपट हो चुकी है. सभी की आंखों में आंसू है. चेहरे पर कंपकपी और डर साफ़ दिखाई दे रहा है. बेटियों ने आरोप लगाया है कि दरोगा राम अनुज मौर्या उनकी मां के साथ वैश्यवृत्ति का धंधा करवाता है. बच्चियों से उनको मिलने तक नहीं देता. मिलने जाओ तो गालियां देता है. धमकाता है इतना ही नहीं भगा देता है.
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पुलिस अधिकारियों से भी कह कर हार गए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है. पीड़ित बच्चियों ने बताया की दरोगा राम अनुज मौर्या जब पिसावां थाने में तैनात थे, तब कभी-कभी उनके घर आते जाते थे. हम उनको परिवार के जैसा ही मानते थे. कुछ दिन पहले उनका तबादला थाना तालगांव में हो गया. अभी 4 महीने पहले मेरी मां छत से गिर गयी थी तो पैर टूट गया था. जिसके बाद दरोगा ने जबरन मेरी मां को सीतापुर बुलाया और उसके बाद वो कभी वापस नहीं आई.
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पीड़ित छोटी बहन का कहना है कि मां का फ़ोन मिलाते हैं तो फ़ोन उठ जाता है लेकिन कोई बोलता नहीं है. न ही उधर से कोई आवाज़ आती है. मम्मी से 3 महीने से कोई बात भी नहीं हुई. पीड़ित बच्चियों का ये भी कहना है कि जहां दरोगा का तबादला थाना तालगांव हुआ था, वहां भी गए थे. लेकिन दरोगा राम स्वरूप मां से मिलने ही नहीं देता. उलटे गालियां देता है और धमका कर भगा देता है.
आंखों में आंसू लिए कंपकंपी आवाज़ में पीड़ित पिता ने बताया की जितनी बार भी दरोगा की शिकायत अधिकारियों से की अलग-अलग नंबरों से धमकी मिली. कोई सुनने वाला नहीं है. दो बेटियां बड़ी है. मुझे कुछ हो गया तो क्या होगा इनका इसीलिए कुछ पैसे थे दोनों को लेकर दिल्ली चला गया था. कुछ दिन रहने के बाद अब वापस आया हूँ. दूसरों के खेत में मजदूरी करके बच्चियों को पाल रहा हूं. दरोगा ने घर से निकलना मुश्किल कर दिया है. मेरी पत्नी को बंधक बनाये हुए है. आने नहीं देता पता नहीं जिंदा भी है या मार डाला है.
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मामले में एसपी सीतापुर एलआर कुमार ने बताया कि मामले गंभीर है. इस संबंध में सीओ मिश्रिख को तीन दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. उन्होंने कहा कि मामले के दो पहलू हैं. पहला आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है तो कार्रवाई होगी. वहीं दरोगा की तरफ से विभागीय नियमों को फॉलो नहीं किया गया है तो उसकी भी जांच होगी.
(रिपोर्ट: हिमांशु पुरी)
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