फिल्म सिटी पर रार: CM योगी के मुंबई जाने से उद्धव ठाकरे की उड़ गई नींद: सिद्धार्थनाथ सिंह

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
UP Film City Politics: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि यूपी के सीएम के मुंबई (Mumbai) दौरे से उद्धव ठाकरे की नींद उड़ गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि यूपी में फिल्म सिटी के फैसले से कांग्रेस-शिवसेना के नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 9:42 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के मुंबई (Mumbai) दौरे और यूपी में फिल्म सिटी (Film City in UP) स्थापित करने की कवायद को लेकर शिवसेना (Shivsena) हमलावर है. वह लगातार कह रही है कि मुंबई की ‘फिल्म सिटी’ को कहीं और स्थापित करना आसान नहीं और हम अपने व्यापार को कहीं और ले जाने नहीं देंगे. वहीं अब योगी सरकार और बीजेपी की तरफ से भी जवाबी हमला शुरू हाे गया है. योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कह दिया है कि सीएम योगी के मुंबई दौरे से उद्धव ठाकरे की नींद उड़ गई है. वहीं यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि यूपी में फिल्म सिटी के योगी सरकार के फैसले से कांग्रेस-शिवसेना के नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है. उन्हें लगता है कि फिल्म उद्योग भी उनकी राजनीति की तरह एक परिवार की विरासत है.
सामना के लेख पर यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि यूपी के सीएम के मुंबई दौरे से उद्धव ठाकरे की नींद उड़ गई है. उन्होंने सामना के लेख में आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसकी हम निंदा करते हैं. ये हो सकता है उनकी पार्टी की संस्कृति हो. वहां बॉलीवुड के लोगों ने हमारा खुले दिल से स्वागत किया.
योगी बोले- कोई कहीं कुछ नहीं ले जा रहा, खुली प्रतिस्पर्धा है
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम कहीं कुछ नहीं ले जा रहे. मुंबई फिल्म सिटी मुंबई में ही काम करेगी, जबकि यूपी में नई फिल्म सिटी को नई आवश्यकताओं के अनुसार एक नए वातावरण में विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फिल्म उद्योग को मुंबई से बाहर ले जाने का उनका कोई इरादा नहीं है. हम किसी का निवेश नहीं छीन रहे हैं. कोई अपने साथ कुछ नहीं ले जा सकता. यह कोई पर्स नहीं है, जिसे ले जाया सकता है. यह खुली प्रतिस्पर्धा है. जो सुरक्षित माहौल, बेहतर सुविधाएं और विशेष रूप से सामाजिक सुरक्षा दे सकेगा, उसे निवेश प्राप्त होगा.
शिवसेना कुछ इस तरह है हमलावर
दरअसल शिवसेना नेताओं की बयानबाजी के साथ ही पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में भी योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे का जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल से साधु-महात्मा हैं. इन साधु-महात्मा का मुंबई मायानगरी में आगमन हुआ और वे समुद्र तट पर स्थित ‘ओबेरॉय ट्राइडेंट’ मठ में ठहरे हैं. साधु महाराज का मायानगरी में आने का मूल मकसद ऐसा है कि मुंबई की फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश ले जाया जाए. हम महाराष्ट्र से कुछ भी ले जाने नहीं देंगे.
सामना में सवाल किया गया है कि कंगना रनौत जिस मुंबई को पीओके बता रही थीं, आज उसी मुंबई में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन्वेस्टमेंट के लिए आए हैं. मिर्ज़ापुर और पीओके में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या एक जैसी ही है. अगर यूपी में कानून व्यवस्था संभालेंगे तो वही मायानगरी बन जाएगी. यही नहीं योगी आदित्यनाथ और अक्षय कुमार की मुलाकात पर भी तंज कसा गया है. कहा गया है कि वो अच्छे कलाकार हैं लेकिन वो पीएम मोदी से पूछते हैं कि आम कैसे खाया? योगी को अपने प्रदेश में विकास करने के लिए मुंबई आना पड़ा, यही मुंबई की ताकत है.
सामना के लेख पर यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि यूपी के सीएम के मुंबई दौरे से उद्धव ठाकरे की नींद उड़ गई है. उन्होंने सामना के लेख में आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसकी हम निंदा करते हैं. ये हो सकता है उनकी पार्टी की संस्कृति हो. वहां बॉलीवुड के लोगों ने हमारा खुले दिल से स्वागत किया.
यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि शिवसेना को दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए. पहले वे अपनी संस्कृति बॉलीवुड के साथ सुधारें. अगर उन्हें वहां कुछ (Film City) बनाए रखना है तो बनाए रखें. कोई उनसे छीनने नहीं जा रहा है. ये प्रतिस्पर्धा का मामला है.कांग्रेस-शिवसेना नेताओं को हो रहा पेटदर्द: स्वतंत्रदेव सिंहउधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया है, “उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के लिए योगी सरकार के फैसले से कांग्रेस-शिवसेना के नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है. उन्हें लगता है कि फिल्म उद्योग भी उनकी राजनीति की तरह एक परिवार की विरासत है. ‘UP फिल्म सिटी’ देश के कोने-कोने में बसने वाले लाखों प्रतिभावान कलाकारों को समर्पित रहेगी.”Uddhav Thackeray has lost his sleep after UP CM's visit to Mumbai. They've used offensive language using Saamna editorial, which we condemn. This may be their party culture. We were welcomed open-heartedly by Bollywood people: UP Cabinet Minister S N Singh on Saamna Editorial pic.twitter.com/j531cpuE9B
— ANI (@ANI) December 3, 2020
उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी हेतु योगी सरकार के फैसले से कांग्रेस-शिवसेना के नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है, उन्हें लगता है कि फिल्म उद्योग भी उनकी राजनीति की तरह एक परिवार की विरासत है।
‘UP फिल्म सिटी’ देश के कोने-कोने में बसने वाले लाखों प्रतिभावान कलाकारों को समर्पित रहेगी।— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) December 3, 2020
योगी बोले- कोई कहीं कुछ नहीं ले जा रहा, खुली प्रतिस्पर्धा है
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम कहीं कुछ नहीं ले जा रहे. मुंबई फिल्म सिटी मुंबई में ही काम करेगी, जबकि यूपी में नई फिल्म सिटी को नई आवश्यकताओं के अनुसार एक नए वातावरण में विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फिल्म उद्योग को मुंबई से बाहर ले जाने का उनका कोई इरादा नहीं है. हम किसी का निवेश नहीं छीन रहे हैं. कोई अपने साथ कुछ नहीं ले जा सकता. यह कोई पर्स नहीं है, जिसे ले जाया सकता है. यह खुली प्रतिस्पर्धा है. जो सुरक्षित माहौल, बेहतर सुविधाएं और विशेष रूप से सामाजिक सुरक्षा दे सकेगा, उसे निवेश प्राप्त होगा.
शिवसेना कुछ इस तरह है हमलावर
दरअसल शिवसेना नेताओं की बयानबाजी के साथ ही पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में भी योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे का जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल से साधु-महात्मा हैं. इन साधु-महात्मा का मुंबई मायानगरी में आगमन हुआ और वे समुद्र तट पर स्थित ‘ओबेरॉय ट्राइडेंट’ मठ में ठहरे हैं. साधु महाराज का मायानगरी में आने का मूल मकसद ऐसा है कि मुंबई की फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश ले जाया जाए. हम महाराष्ट्र से कुछ भी ले जाने नहीं देंगे.
सामना में सवाल किया गया है कि कंगना रनौत जिस मुंबई को पीओके बता रही थीं, आज उसी मुंबई में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन्वेस्टमेंट के लिए आए हैं. मिर्ज़ापुर और पीओके में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या एक जैसी ही है. अगर यूपी में कानून व्यवस्था संभालेंगे तो वही मायानगरी बन जाएगी. यही नहीं योगी आदित्यनाथ और अक्षय कुमार की मुलाकात पर भी तंज कसा गया है. कहा गया है कि वो अच्छे कलाकार हैं लेकिन वो पीएम मोदी से पूछते हैं कि आम कैसे खाया? योगी को अपने प्रदेश में विकास करने के लिए मुंबई आना पड़ा, यही मुंबई की ताकत है.