कोरोना (COVID-19) के कारण देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) है. फैक्ट्रियों से लेकर तमाम उद्योग धंधों पर इस लॉकडाउन की मार पड़ी है. इसका खामियाजा प्रदेश सरकारों को भी उठाना पड़ रहा है. इसके कारण उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में भारी कमी देखने को मिल रही है. इस आपात स्थिति से निपटने के लिए योगी सरकार ने अपने खर्च में बड़ी कटौती शुरू कर दी है. इसके तहत अफसरों के हवाई जहाज में एक्सीक्यूटिव क्लास और बिजनेस क्लास में चलने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. यही नहीं तमाम विभागों में ऐसे पदों की खोज शुरू हो गई है जिन्हें खत्म किया जा सके. वित्त विभाग की तरफ से ऐसे पदों पर तैनात लोगों को अन्य जगह समायोजित किए जाने की तैयारी है.
इसके अलावा तमाम ‘गैर जरूरी’ सरकारी योजनाओं को रोकने और केंद्र से जुड़ी योजनाओं में किस्तों में धनराशि जारी करने का फरमान जारी किया गया है. यूपी के अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग संजीव मित्तल की तरफ से प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और सभी विभागध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश में लॉकडाउन घोषित होने से सरकार के राजस्व में अप्रत्याशित कमी आई है. कोरोना महामारी की रोकथाम और जनहित के अन्य कार्यों के लिए संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है.
साथ ही कहा गया है कि ये निेर्दश सरकारी विभागों, कार्यालयों के साथ ही प्रदेश के स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं और प्राधिकारणें तथा विश्वविद्यालयों पर भी समान रूप से लागू होंगे.
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FIRST PUBLISHED : May 18, 2020, 19:37 IST