UP: बाहुबली नेता रमाकांत यादव और फूलन देवी की बहन समेत कई नेताओं ने थामा सपा का दामन
News18 Uttar Pradesh Updated: October 6, 2019, 4:49 PM IST

रमाकांत यादव समेत कई नेताओं ने सपा का दामन थामा है.
आजमगढ़ में बाहुबली छवि वाले रमाकांत ने वर्ष 2014 में सपा से बाहर होने के बाद कहा था कि अब वह तो क्या उनकी लाश भी सपा (SP) में नहीं जाएगी.
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- Last Updated: October 6, 2019, 4:49 PM IST
लखनऊ. पूर्वांचल के बाहुबली नेता रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) समेत कई नेता रविवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता दिलाई. इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे. रमाकांत यादव के साथ ही कई बसपा नेता भी अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए. इस मौके पर फूलन देवी की बहन रुक्मणी निषाद भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं.
सपा में शामिल होने के बाद रमाकांत यादव ने कहा कि वह अपने परिवार में वापस आ गए हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीतिक समस्याएं है. वहीं, किसान और नौजवान अखिलेश यादव की तरफ आशा भारी निगाहों से देख रहा है. पूर्व सांसद ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ही देश से फिरकापरस्त ताकतों को खत्म करेंगे. पूर्वांचल के बाहुबली नेता रमाकांत यादव ने कहा कि अखिलेश यादव जो भी आदेश देंगे वहां सिपाही के तौर पर काम करूंगा.

निष्पक्ष नहीं चुनाव आयोग- अखिलेश यादवसपा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है. समाजवादी पार्टी की तमाम शिकायतों के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि रामपुर में डीएम और एसपी को नहीं बदला गया है. अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आने वाले समय में साथियों के साथ मिलकर चुनौतियों से लड़ना है. उन्होंने कहा कि इसी ताकत की बदौलत वर्ष 2022 में बीजेपी को हम लोग हरा पाएंगे. सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासन में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. नौजवानों के रोजगार जा रहे हैं जो चिंता की बात है. वहीं, राम मंदिर मसले पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी कोर्ट का फैसला होगा वह मानेंगे.
लाश भी सपा में न जाने की कही थी बात
इससे पहले आजमगढ़ में बाहुबली छवि वाले रमाकांत ने सपा से बाहर होने के बाद कहा था कि अब वह तो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जाएगी. लेकिन, अब उनका कहना है कि अभी वह जीवित हैं. उधर, बीजेपी ने रमाकांत को राजनीति में 'मृतक' बताया है.चार बार विधायक और सांसद रह चुके हैं रमाकांत
गौरतलब है कि रमाकांत यादव वर्ष 1985 में आजमगढ़ से पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे. इसके बाद साल 1989 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, फिर 1991 और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक बने. वह 1996 और 1999 में आजमगढ़ से सपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद 2004 में बसपा और 2009 में फिर सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा का सफ़र तय किया. रमाकांत यादव चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं.
(रिपोर्ट: मोहम्मद शबाब)
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बदायूं में किसान की मौत पर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना
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सपा में शामिल होने के बाद रमाकांत यादव ने कहा कि वह अपने परिवार में वापस आ गए हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीतिक समस्याएं है. वहीं, किसान और नौजवान अखिलेश यादव की तरफ आशा भारी निगाहों से देख रहा है. पूर्व सांसद ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ही देश से फिरकापरस्त ताकतों को खत्म करेंगे. पूर्वांचल के बाहुबली नेता रमाकांत यादव ने कहा कि अखिलेश यादव जो भी आदेश देंगे वहां सिपाही के तौर पर काम करूंगा.

मीडिया से बातचीत करते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव.
निष्पक्ष नहीं चुनाव आयोग- अखिलेश यादवसपा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है. समाजवादी पार्टी की तमाम शिकायतों के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि रामपुर में डीएम और एसपी को नहीं बदला गया है. अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आने वाले समय में साथियों के साथ मिलकर चुनौतियों से लड़ना है. उन्होंने कहा कि इसी ताकत की बदौलत वर्ष 2022 में बीजेपी को हम लोग हरा पाएंगे. सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासन में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. नौजवानों के रोजगार जा रहे हैं जो चिंता की बात है. वहीं, राम मंदिर मसले पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी कोर्ट का फैसला होगा वह मानेंगे.
लाश भी सपा में न जाने की कही थी बात
इससे पहले आजमगढ़ में बाहुबली छवि वाले रमाकांत ने सपा से बाहर होने के बाद कहा था कि अब वह तो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जाएगी. लेकिन, अब उनका कहना है कि अभी वह जीवित हैं. उधर, बीजेपी ने रमाकांत को राजनीति में 'मृतक' बताया है.
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गौरतलब है कि रमाकांत यादव वर्ष 1985 में आजमगढ़ से पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे. इसके बाद साल 1989 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, फिर 1991 और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक बने. वह 1996 और 1999 में आजमगढ़ से सपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद 2004 में बसपा और 2009 में फिर सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा का सफ़र तय किया. रमाकांत यादव चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं.
(रिपोर्ट: मोहम्मद शबाब)
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First published: October 6, 2019, 2:55 PM IST
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