लखनऊ. 3 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले के मामले में यूपी एटीएस ने गोरखपुर से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए सभी लोग कट्टरपंथी बताए जा रहे हैं, साथ ही इन्हें हमले के मुख्य आरोपी मुर्तजा अब्बासी की हर गतिविधि की जानकारी थी. उधर एटीएस की पूछताछ में मुर्तजा ने कई अहम खुलासे किये हैं, साथ ही यह भी कबूला है कि उसने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर बांके से क्यों हमला किया। फिलहाल एटीएस ने मुर्तजा के खिलाफ यूएपीए एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली है. जिसके बाद नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी को मामले की विवेचना सौंप दी जाएगी.
मुर्तजा अब्बासी (Murtaza Abbasi) ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि वह चाहता था कि देश में शरिया कानून लागू हो जाये. गोरखनाथ मंदिर पर बांके से हमला करने की मुख्य वजह क्रूरता को दिखाना था. यह भी मंशा थी कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला से हाइप क्रिएट की जाए ताकि इसकी चर्चा बड़े स्टार पर हो. मुर्तजा ने पूछताछ में बताया कि विदेश में बैठे आकाओं ने ही बम के बजाए बांके या चापड़ से हमला करने के निर्देश दिए थे. यही नहीं मुर्तजा ने अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन से कई अहम जानकारी डिलीट करने की बात भी क़ुबूल की है.
मुर्तज़ा पर UAPA लगाने की तैयारी पूरी
इस बीच एटीएस ने मुर्तजा पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी Unlawful Activities (Prevention) Act लगाने की तैयारी भी पूरी कर ली है. UAPA लगने के बाद गोरखनाथ मंदिर हमले की विवेचना NIA को सौंप दी जाएगी. बता दें कि UAPA के तहत पुलिस ऐसे अपराधियों या संदिग्धों को चिन्हित करती है जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होते हैं, आतंकी गतिविधियों के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं या फिर ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं. ऐसे मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पास काफी शक्तियां होती है.
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