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Lucknow News : लखनऊ का यह मंदिर हुआ हाईटेक, क्यू आर कोड से दान की सुविधा है उपलब्ध , जानिए पूरी कहानी

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लखनऊ

लखनऊ के नए हनुमान मंदिर के बाहर कोड को स्कैन करके दान करते हुए भक्त

कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहे भारत के कदम को देखते हुए लखनऊ के अलीगंज स्थित नया हनुमान मंदिर भी हाईटेक हो ग ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊः कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहे भारत के कदम को देखते हुए लखनऊ के अलीगंज स्थित नया हनुमान मंदिर भी हाईटेक हो गया है. जी हां यहां पर ऑनलाइन दान करने की सुविधा भक्तों को दी गई है. लखनऊ का यह पहला मंदिर है जहां पर ऑनलाइन दान करने की व्यवस्था शुरू की गई है.

आपको बता दें कि यहां पर क्यू आर कोड मंदिर के बाहर और अंदर जगह-जगह लगाए गए है. इस कोड को स्कैन करके लोग सीधा मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट में दान कर सकते है. ट्रस्ट के सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि ऑनलाइन दान शुरू करने के पीछे बहुत ही दिलचस्प कहानी है. उन्होंने बताया कि शादी के बाद एक नया जोड़ा यहां पर दर्शन करने के लिए आया था. लड़के की मां ने उसे यहां पर पैसे दान करने के लिए कहा था . लेकिन लड़का कैश लाना भूल गया था. ऐसे में उसने मंदिर के कार्यालय में संपर्क किया और पूछा कि क्या यहां पर ऑनलाइन दान करने की व्यवस्था है क्योंकि उसकी मां ने यहां पर दान करने के लिए कहा था. लेकिन वह कैश नहीं लाया है. उस वक्त अधिकारियों ने उसे बताया कि ऐसी कोई भी व्यवस्था मंदिर में नहीं है. लेकिन उस वक्त अधिकारियों को बहुत बुरा लगा था. इसीलिए ऑनलाइन दान करने की व्यवस्था शुरू की गई है. इससे भक्तों को काफी सुविधा हो रही है.

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एक रूपए के लिए भक्तों को होना पड़ता था परेशान
मंदिर में दर्शन करने आए अविनाश सिंह ने बताया कि 11, 51 या 501 रूपए का दान शुभ माना जाता है लेकिन अक्सर लोगों के पास एक रूपए का सिक्का नहीं होता है. ऐसे में उन्हें दान करने से पहले सोचना पड़ता और कई बार ऐसा होता कि कैश लाना भी नहीं याद रहता तो जो ऑनलाइन सुविधा है इससे भक्तों को सुविधा होगी. भक्त बिशद शुक्ला ने बताया कि वह उत्तराखंडके मंदिर घूम चुका है और लखनऊ की भी सभी मंदिरों में दर्शन किए हैं लेकिन कहीं पर भी ऑनलाइन दान करने की सुविधा नहीं थी. वह आज भी मंदिर में कैश लाना भूल गए. ऐसे में प्रसाद तो उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट के जरिए ले लिया था अब दान भी ऑनलाइन यहां पर कर सकेंगे. यह अच्छी सुविधा है.

बेहद पुराना है यह मंदिर
यह मंदिर बेहद प्राचीन है. 6 जून 1783 में इसकी स्थापना की गई थी. यहां पर रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और दर्शन पूजन करते हैं. ऐसे में दान पेटी कई बार भर जाती थी और कई बार दान पेटी के पास भीड़ भी लग जाती थी. अब ऐसा नहीं होगा. यह मंदिर शिवानी प्लाजा अलीगंज के पास स्थित है .

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