गिरधारी एनकाउंटर मामलाः हाईकोर्ट ने दी पुलिस अधिकारियों को राहत, हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश पर रोक

गिरधारी हत्याकांड को लेकर उसके पिता ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया था. (File photo)
हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई. एनकाउंटर मामले में जिला कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.
- News18Hindi
- Last Updated: March 2, 2021, 5:19 PM IST
लखनऊ. गिरधारी एनकाउंटर मामले में इलाहबाद की लखनऊ बेंच ने पुलिस अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है. उल्लेखनीय है कि सीजेएम कोर्ट ने डीसीपी ईस्ट, इंस्पेक्टर विभूति खंड समेत एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.
इससे पहले गिरधारी उर्फ डॉक्टर के एनकाउंटर मामले में जिला जज ने सीपी, डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर को नोटिस भेजा था, साथ ही डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था. इसके साथ ही एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को लेकर भी अधिकारियों से जवाब तलब किया था.
पिता ने उठाए थे सवाल
गिरधारी एनकाउंटर मामले में उसके पिता टग्गर विश्वकर्मा ने कहा था कि उनके बेटे का अपराध जगत से कोई लेना देना नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा था कि अजीत सिंह हत्याकांड में उनके बेटे का कोई हाथ नहीं था. गौरतलब है कि कार्रवाई के दौरान करीब 14 दिन पहले पुलिस अजीत सिंह हत्याकांड में असलहे की बरामदगी के लिए गिरधारी को विभूतिखंड लेकर गई थी. इस दौरान गिरधारी ने पुलिस का असलहा छीन कर भागने की कोशिश की थी. पुलिस ने उसका पीछा किया था तो उसने फायर कर दिया. जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. एनकाउंटर के बाद से ही पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी विधानसभा में मुद्दा उठाया था.
इससे पहले गिरधारी उर्फ डॉक्टर के एनकाउंटर मामले में जिला जज ने सीपी, डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर को नोटिस भेजा था, साथ ही डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था. इसके साथ ही एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को लेकर भी अधिकारियों से जवाब तलब किया था.
पिता ने उठाए थे सवाल
गिरधारी एनकाउंटर मामले में उसके पिता टग्गर विश्वकर्मा ने कहा था कि उनके बेटे का अपराध जगत से कोई लेना देना नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा था कि अजीत सिंह हत्याकांड में उनके बेटे का कोई हाथ नहीं था. गौरतलब है कि कार्रवाई के दौरान करीब 14 दिन पहले पुलिस अजीत सिंह हत्याकांड में असलहे की बरामदगी के लिए गिरधारी को विभूतिखंड लेकर गई थी. इस दौरान गिरधारी ने पुलिस का असलहा छीन कर भागने की कोशिश की थी. पुलिस ने उसका पीछा किया था तो उसने फायर कर दिया. जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. एनकाउंटर के बाद से ही पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी विधानसभा में मुद्दा उठाया था.