गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग पर HC सख्त, कहा- गाइडलाइंस न मानने वाले पुलिस अफसरों पर हो एक्शन

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (File Photo)
गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के दुरुपयोग को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है. प्रदेश सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि डीजीपी की तरफ से 9 दिसंबर 2020 को गाइडलाइंस जारी की गई है. डीजीपी की गाइडलाइंस पर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताई.
- News18Hindi
- Last Updated: January 8, 2021, 5:57 PM IST
लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) से बड़ी खबर है. हाईकोर्ट (High Court) ने कहा है कि गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग (Misuse of Gangster Act) रोकने के लिए जारी गाइडलाइंस (Guidlines) का पालन न करने वालों अफसरों पर विभागीय कार्रवाई की जाए. हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी द्वारा 9 दिसंबर 2020 को जारी की गई गाइडलाइंस पर संतुष्टि जारी की.
डीजीपी ने दाखिल किया हलफनामा
बता दें गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है. इसमें प्रदेश सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि इस पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी की तरफ से 9 दिसंबर 2020 को गाइडलाइंस जारी की गई है. डीजीपी की गाइडलाइंस पर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताई. इस दौरान डीजीपी की ओर से हलफनामा भी दाखिल किया गया.
गाइडलाइंस में अहम बातें
बताया गया कि जिन मामलों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगी हो या अभियुक्त दोषमुक्त किया गया हो, उनको गैंगचार्ट में शामिल नहीं किया जाएगा. गैंगस्टर एक्ट के मुकदमों की विवेचना दूसरे थाने का प्रभारी ही करेगा. अभियुक्त के मुकदमों के परिणाम का जिक्र भी गैंगचार्ट में होगा. इसके अलावा जिन मुकदमों के आधार पर एक बार गैंगस्टर लग चुका हो, उनको आधार बनाकर दोबारा कार्रवाई नहीं की जाएगी.
डीजीपी ने दाखिल किया हलफनामा
बता दें गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है. इसमें प्रदेश सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि इस पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी की तरफ से 9 दिसंबर 2020 को गाइडलाइंस जारी की गई है. डीजीपी की गाइडलाइंस पर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताई. इस दौरान डीजीपी की ओर से हलफनामा भी दाखिल किया गया.
गाइडलाइंस में अहम बातें
बताया गया कि जिन मामलों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगी हो या अभियुक्त दोषमुक्त किया गया हो, उनको गैंगचार्ट में शामिल नहीं किया जाएगा. गैंगस्टर एक्ट के मुकदमों की विवेचना दूसरे थाने का प्रभारी ही करेगा. अभियुक्त के मुकदमों के परिणाम का जिक्र भी गैंगचार्ट में होगा. इसके अलावा जिन मुकदमों के आधार पर एक बार गैंगस्टर लग चुका हो, उनको आधार बनाकर दोबारा कार्रवाई नहीं की जाएगी.