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औरंगजेब से बचाने के लिए इस मंदिर का नाम रखा गया काली बड़ी, इतिहास सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान

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इस मंदिर में लक्ष्मी नारायण स्थापित हैं 

औरंगजेब काली मां का बड़ा भक्त था. जब वह सभी मंदिरों को तोड़ रहा था तब ऐसे में इस मंदिर को बचाने के लिए उस वक्त सभी लोगो ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट/अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ: नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है. ऐसे में लखनऊ में एक सिद्धपीठ है. यह ऐतिहासिक मंदिर भी है. जिसे काली बड़ी मंदिर कहा जाता है. यह चौक चौराहे से कुछ ही दूर स्थित है. इस मंदिर में लक्ष्मी नारायण स्थापित हैं. लेकिन इसका नाम है काली बड़ी मंदिर. ऐसे में लोग अक्सर यह जानने का प्रयास करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है? तो इसके पीछे इस मंदिर का बेहद रोचक इतिहास है. कहते हैं औरंगजेब काली मां का बड़ा भक्त था. जब वह सभी मंदिरों को तोड़ रहा था तब ऐसे में इस मंदिर को बचाने के लिए उस वक्त सभी लोगों ने बैठक करके इस मंदिर का नाम लक्ष्मी नारायण की जगह काली बड़ी मंदिर कर दिया. तभी से यहां पर काली मां की आरती और पूजा होती है.

मंदिर के महंत स्वामी हंसानंद ने बताया कि नवरात्रि में इस मंदिर का महत्व और भी कई गुना बढ़ जाता है. यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और दर्शन करते हैं. मेला भी यहां पर लगता है. जिसमें काफी भीड़ होती है. इस मंदिर में तांत्रिक क्रिया भी होती हैं जैसे किसी के ऊपर ऊपरी बाधाएं हैं तो उसे उतरवाने के लिए लोग यहां पर आते हैं. इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को लोग यहां पर आकर नजर भी उतरवाते हैं. इस मंदिर में मुंडन भी होते हैं.

ढाई सौ साल से जल रही है अखंड ज्योति
मंदिर के महंत ने बताया कि यहां पर माता जी के पास मीठे तेल की एक अखंड ज्योति जल रही है. दूसरी तरफ देसी घी की है. दोनों ढाई सौ साल से जल रही है और इस अखंड ज्योति में जो भी अपने नाम से तेल या घी डलवाता है. 40 दिनों तक निरंतर उसका प्रमोशन होता है. तरक्की होती है. बीमारी से मुक्ति होती है.

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सुबह चार बजे खुल जाता है मंदिर
नवरात्रि में यह मंदिर सुबह चार बजे खुल जाएगा और रात में 12 बजे बंद होगा. आरती सुबह दस बजे होगी और रात में भी दस बजे ही आरती में आप दर्शन कर सकते हैं.

Tags: Lucknow news, Uttar pradesh news

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