कमलेश तिवारी हत्याकांड: हत्यारोपियों के मददगार मौलाना कैफी अली रिजवी को मिली जमानत
News18 Uttar Pradesh Updated: December 4, 2019, 7:54 AM IST

कोर्ट में यह दलील दी गई कि जिन धाराओं में मौलाना पर मामला दर्ज किया गया है वे जमानती हैं. (कमलेश का फाइल फोटो)
आरोपी मौलाना कैफी अली रिजवी पर आरोप है कि उसने 18 अक्टूबर 2019 को कमलेश तिवारी की हत्या (Murder) किए जाने के बाद हत्यारोपी अशफाक और मोईनुद्दीन को घर में शरण दी थी. साथ ही दोनों को आर्थिक मदद (Financial Help) देने के साथ ही इलाज भी करवाया था.
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- Last Updated: December 4, 2019, 7:54 AM IST
लखनऊ. हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) के हत्यारोपियों (Murder Accused) के मददगार बरेली (Bareilly) के मौलाना कैफी अली रिजवी (Maulana Kaifi Ali Rizvi) को प्रभारी सीजेएम कोर्ट ने जमानत दे दी है. प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर मौलाना कैफ़ी अली को रिहा करने का आदेश दिया है.
हत्यारोपियों की मदद का आरोप
आरोपी मौलाना कैफी अली रिजवी पर आरोप है कि उसने 18 अक्टूबर 2019 को कमलेश तिवारी की हत्या किए जाने के बाद हत्यारोपी अशफाक और मोईनुद्दीन को घर में शरण दी थी. इतना ही नहीं उसने आरोपियों को आर्थिक मदद के साथ इलाज भी कराया था. मामले की जांच कर रही एसआइटी ने साक्ष्य के आधार पर मौलाना को 22 अक्टूबर को बरेली से गिरफ्तार किया था. मामले में साजिशकर्ता सहित आधा दर्जन आरोपित जेल में है.
मौलाना के तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि जिस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है वह सभी जमानती हैं. लिहाजा उसके मुवक्किल को जमानत पर रिहा किया जाए. जिसके बाद प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहाई के आदेश दिए.
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हत्यारोपियों की मदद का आरोप
आरोपी मौलाना कैफी अली रिजवी पर आरोप है कि उसने 18 अक्टूबर 2019 को कमलेश तिवारी की हत्या किए जाने के बाद हत्यारोपी अशफाक और मोईनुद्दीन को घर में शरण दी थी. इतना ही नहीं उसने आरोपियों को आर्थिक मदद के साथ इलाज भी कराया था. मामले की जांच कर रही एसआइटी ने साक्ष्य के आधार पर मौलाना को 22 अक्टूबर को बरेली से गिरफ्तार किया था. मामले में साजिशकर्ता सहित आधा दर्जन आरोपित जेल में है.
मौलाना के तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि जिस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है वह सभी जमानती हैं. लिहाजा उसके मुवक्किल को जमानत पर रिहा किया जाए. जिसके बाद प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहाई के आदेश दिए.
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First published: December 4, 2019, 7:42 AM IST