केजीएमयू में बिना चीर लगाए डॉक्टरों ने कर दिया ऑपरेशन,
रिपोर्ट : अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. लखनऊ के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में अग्नाशय में स्यूडोसिस्ट का इलाज पहली बार ईयूएस(इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड) विधि से किया गया. अब तक इसके इलाज के लिए पाइप डालकर या सर्जरी करनी पड़ती थी जिसमें मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसमें लंबा वक्त भी लगता था.
आपको बता दें कि इलाहाबाद निवासी 22 वर्षीय हर्षित यादव को पैंक्रियाटाइटिस ( अग्नाशय में सूजन) होने के कारण पेट में अग्नाशय के आसपास गंदगी जमा हो गई थी, जिसके कारण उसे पेट में लगातार दर्द, बुखार, उल्टी और खाना खाने में दिक्कत हो रही थी. इस स्यूडोसिस्ट के कारण आसपास की खून की नसें भी बंद हो गई थी. इसके लिए मरीज ने केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिल गंगवार को दिखाया. मरीज की सहमति से इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड विधि से पेट के जरिए मेटल स्टैंड डाला गया. इस विधि में केवल दस मिनट का समय लगा. यही नहीं मरीज को चिकित्सकों ने उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी है.
क्या होता है पैंक्रियाटाइटिस
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिल गंगवार ने बताया कि पैंक्रियाटाइटिस घातक और जटिल बीमारी होती है. यह पित्त की थैली में पथरी और शराब के सेवन से होती है. इस बीमारी में पैंक्रियाज के आस-पास मवाद इकठ्ठा हो जाता है जो आगे चल कर बहुत सी समस्या को जन्म देता है. सर्जरी से जटिलता को कम करने के लिए एंडोस्कोपी विधि से इलाज किया गया. इसमें सिर्फ लगभग 10 से 20 मिनट का समय लगता है. इस प्रक्रिया में मरीज को भर्ती करना पड़ता और यह प्रक्रिया गंभीर मरीजों में भी की जा सकती है जिनमें सर्जरी जोखिम भरा होता है. उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाऊंड की सभी सुविधाएं केजीएमयू में उपलब्ध हैं.
.
Tags: Lucknow news, Uttar Pradesh News Hindi
जब कमल हासन ने आमिर खान पर साधा निशाना, सत्य मेव जयते को लेकर कद दी बड़ी बात, बोले- 'मैं शो करने से ज्यादा...'
IPL Final: स्टेट टीम में हुई बेइज्जती, फिर बीसीसीआई ने कॉन्ट्रैक्ट छीना, अब दिया मुंहतोड़ जवाब
गर्मी में फ्रिज नहीं हो रहा ठंडा-ठंडा, कूल-कूल, आजमाएं ये ट्रिक्स, बढ़ जाएगी कूलिंग, बचेंगे सर्विसिंग के पैसे