यूपी विधानपरिषद चुनाव: बिछने लगी चुनावी बिसात, BJP ने 12 तो सपा-बसपा ने खरीदे 2 - 2 फॉर्म

उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद चुनाव की तैयारी तेज.
विधानपरिषद चुनाव (Legislative Council Election) की चुनावी बिसात बिछने लगी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पहले दस फॉर्म खरीदे थे. लेकिन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की तरफ से दो-दो फॉर्म खरीदे जाने के बाद फिर से दो फार्म लिया गया.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 15, 2021, 12:02 AM IST
लखनऊ. विधानपरिषद चुनाव (Legislative Council Election) में नामांकन की अंतिम तिथि 18 जनवरी है. इस बीच नामांकन फॉर्म खरीदने की होड़ मची है. निर्दलीय सहित अभी तक 26 फॉर्म खरीदे जा चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पहले दस फॉर्म खरीदा था. लेकिन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की तरफ से दो दो फॉर्म खरीदे जाने के बाद फिर से दो फार्म लिया. यानी कि विधानपरिषद चुनाव में उतर रहे तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है.
विधायकों की संख्या को देखते हुए भाजपा 10 सदस्यों से अधिक नहीं जीत सकती, लेकिन जब वोटों का मैनेजमेंट होगा तो ये संख्या 11 तक जा सकती है क्योंकि ऐसे मे बीजेपी की कोशिश होगी फस्ट प्रिफरेंस मेंं विपक्ष की जीत ना हो तो 11वीं सीट वो सेकेंड प्रिफरेंस मे जीत सकती है. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की एक सीट तय है. उनके यहा भी वोट मैनेजमेंट के हिसाब से दूसरी सीट जीती जा सकती है.
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सभी दलों में असंतुष्ट चेहरेफिर 18 विधायकों के साथ बीएसपी भी दो फॉर्म खरीदे जा चुकी हैं. यानी एक सीट की लड़ाई में जबरदस्त क्रॉस वोटिंग देखने को मिल सकती है. सभी राजनीतिक दलों में असंतुष्ट नेता हैं. जैसे कांग्रेस के सात विधायक हैं. लेकिन अदिति सिंह कांग्रेस के साथ नहीं है. वैसे ही समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल सपा के विधायक हैं, लेकिन वो सपा के साथ नहीं है. बीएसपी के छह विधायक तो राज्यसभा चुनाव के दौरान ही अपनी कीमत बता चुके हैं और फिलहाल बीएसपी उन्हें निलंबित कर चुकी है और वे लोग सपा से अपने संबंधों को जगजाहिर कर चुके हैं. इसी तरह भाजपा मे भी असंतुष्ट विधायकों की लाइन है. अगर मतदान की नौबत आती है तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विधायक जमकर क्रॉस वोटिंग करेंगे.
विधायकों की संख्या को देखते हुए भाजपा 10 सदस्यों से अधिक नहीं जीत सकती, लेकिन जब वोटों का मैनेजमेंट होगा तो ये संख्या 11 तक जा सकती है क्योंकि ऐसे मे बीजेपी की कोशिश होगी फस्ट प्रिफरेंस मेंं विपक्ष की जीत ना हो तो 11वीं सीट वो सेकेंड प्रिफरेंस मे जीत सकती है. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की एक सीट तय है. उनके यहा भी वोट मैनेजमेंट के हिसाब से दूसरी सीट जीती जा सकती है.
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सभी दलों में असंतुष्ट चेहरेफिर 18 विधायकों के साथ बीएसपी भी दो फॉर्म खरीदे जा चुकी हैं. यानी एक सीट की लड़ाई में जबरदस्त क्रॉस वोटिंग देखने को मिल सकती है. सभी राजनीतिक दलों में असंतुष्ट नेता हैं. जैसे कांग्रेस के सात विधायक हैं. लेकिन अदिति सिंह कांग्रेस के साथ नहीं है. वैसे ही समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल सपा के विधायक हैं, लेकिन वो सपा के साथ नहीं है. बीएसपी के छह विधायक तो राज्यसभा चुनाव के दौरान ही अपनी कीमत बता चुके हैं और फिलहाल बीएसपी उन्हें निलंबित कर चुकी है और वे लोग सपा से अपने संबंधों को जगजाहिर कर चुके हैं. इसी तरह भाजपा मे भी असंतुष्ट विधायकों की लाइन है. अगर मतदान की नौबत आती है तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विधायक जमकर क्रॉस वोटिंग करेंगे.