अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊः प्रेम कुमार आले एक ऐसे पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जो इंडियन आर्मी में भी रह चुके हैं. इन दिनों वह डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय में चल रही पांचवी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 में शिरकत करने के लिए आए हुए हैं. उनसे न्यूज 18 लोकल ने खास बातचीत कि तो उन्होंने बताया वर्ष 2005 में 18 साल की उम्र में उन्होंने इंडियन आर्मी में सिपाही के पद पर ज्वाइन किया था.
पिता दुर्गा बहादुर और भाई दोनों ही इंडियन आर्मी में थे. उनकी वर्दी देखकर उन्हें यह शौक जागा कि उन्हें भी यह वर्दी धारण करनी है. इसीलिए इंडियन आर्मी में आ गए लेकिन वर्ष 2009 में अपनी ड्यूटी खत्म करके घर जाते वक्त उन्हें एक ट्रक ने टक्कर मार दी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टर ने बताया कि उन्हें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हुई है. पहले तो लगा कि एक दो महीने बाद वह ठीक हो जाएंगे लेकिन बाद में पता चला कि अब बिना दोनों पैर के ही जीवन बिताना पड़ेगा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इंडियन आर्मी पुणे में पुनर्वास केंद्र गए. वहां पर अपने वरिष्ठों को देखकर पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी बने.
राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें बहुत बुरा लगता था कि एक आर्मी अफसर से सीधा व्हीलचेयर पर आ गए. लेकिन जब वह खिलाड़ी बने तो अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना ली. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके पास 3 सिल्वर और 6 ब्रांज मेडल हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 15 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल हैं.
ओलंपिक में जाना है लक्ष्य
उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य ओलंपिक में जाना है और देश के लिए मेडल जीतना है. उसको लेकर वह तैयारी भी कर रहे हैं. उनके कोच गौरव खन्ना ने उनकी बहुत मदद की है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को ऐसी दिक्कत होती है तो वह अपनी मुश्किलों का न देखे. मुश्किलें सिर्फ एक सोच है. अगर सोचेंगे कि मेरे सामने मुश्किलें हैं तो हर काम मुश्किल ही लगेगा. लेकिन हर काम को अगर आसान करने की सोचेंगे तो आसान तरीके से काम हो जाएगा.
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