उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण विधेयक 2021 पास, लखनऊ-नोएडा में DCP कर सकेंगे कार्रवाई

यूपी असेंबली से पास हुआ गुंडा एक्ट संशोधन विधेयक
Lucknow News:पहले ये अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास था. विधेयक में मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी और पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने का प्रावधान है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 2, 2021, 8:44 AM IST
लखनऊ. प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने विधानसभा से उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021 (Uttar Pradesh Gunda Act Amendment Ordinance) को पारित करा दिया है. इसके तहत अब लखनऊ (Lucknow) और गौतमबुद्धनगर (Noida) में डीसीपी स्तर का अधिकारी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकेगा. पहले ये अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास था. विधेयक में मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी और पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने का प्रावधान है. इसके अलावा जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण और व्यापार, अवैध खनन जैसे अपराधों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है. गुंडा एक्ट में पकड़े गए अपराधियों की आसानी से जमानत नहीं हो पाएगी. इसके अलावा अपराधियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी. नए प्रावधान के तहत पुलिस अपराधियों को 14 दिन के बजाय अधिकतम 60 दिन के लिए बंद कर सकती है.
हालांकि नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. राम गोविंद चौधरी ने कहा कि इस विधेयक के पास होने से पुलिस की मनमानी बढ़ेगी और न्याय नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि पहले थाने की पुलिस गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करती थी, जिसकी निगरानी डीएम के पास होती थी. लेकिन अब पुलिस ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई करेगी और पुलिस कमिश्नर ही इसकी जांच करेगा. ऐसे में न्याय कहां होगा?
ये विधेयक भी हुआ पास
गुंडा एक्ट संशोधन विधेयक के अलावा योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण विधेयक पास करवाया। अब धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से जुर्माना वसूलने का रास्ता साफ कर दिया गया है. विधानसभा में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 पास हो गया. हालांकि मुख्य विपक्षी दाल समाजवादी पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी. धरना प्रदर्शन के दौरान उग्र प्रदर्शन में सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने की पुष्टि होने पर 5000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा.
हालांकि नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. राम गोविंद चौधरी ने कहा कि इस विधेयक के पास होने से पुलिस की मनमानी बढ़ेगी और न्याय नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि पहले थाने की पुलिस गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करती थी, जिसकी निगरानी डीएम के पास होती थी. लेकिन अब पुलिस ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई करेगी और पुलिस कमिश्नर ही इसकी जांच करेगा. ऐसे में न्याय कहां होगा?
ये विधेयक भी हुआ पास
गुंडा एक्ट संशोधन विधेयक के अलावा योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण विधेयक पास करवाया। अब धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से जुर्माना वसूलने का रास्ता साफ कर दिया गया है. विधानसभा में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 पास हो गया. हालांकि मुख्य विपक्षी दाल समाजवादी पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी. धरना प्रदर्शन के दौरान उग्र प्रदर्शन में सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने की पुष्टि होने पर 5000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा.