नीरज और कहकशां
रिपोर्ट- अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. विश्वविद्यालय का परचम इन दिनों देश में चारों ओर देखने के लिए मिल रहा है. यहां के छात्र-छात्राएं एक के बाद एक नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में लखनऊ विश्वविद्यालय की झोली में एक और बड़ी सफलता आई है. आपको बता दें यहां के दो स्टूडेंट ने देश की सबसे बड़ी और कठिन कही जाने वाली परीक्षा में सफलता हासिल की है.
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित दिल्ली लोक अभियोजन अधिकारी परीक्षा में लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के नीरज यादव ने 13वीं रैंक हासिल की जबकि विधि संकाय की ही कहकशां जबीन ने दिल्ली ज्यूडिशियल सर्विसेज मे 17वीं रैंक हासिल कर विश्वविद्यालय और विधि संकाय का नाम रोशन किया है.
कुलपति ने सफलता प्राप्त करने के लिए बधाई दी
लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और अधिष्ठाता छात्रकल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने दोनों को उच्च रैंक के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए बधाई दी है. लखनऊ विश्वविद्यालय विधि संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रो बीडी सिंह ने बताया कि नीरज लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के वर्तमान में शोध छात्र हैं. कहकशां जबीन भी लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में शोध छात्रा हैं.
कई बार हाथ लगी असफलता
नीरज यादव ने बताया कि इस परीक्षा में उनका प्रथम प्रयास था जिसमें उन्हें सफलता मिली है लेकिन इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में कई बड़े स्तर की परीक्षाओं को दिया था लेकिन सभी में एक या दो नंबर की कमी से चयन नहीं हो पा रहा था. लेकिन इस बार उन्हें सफलता मिली है. मूल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले नीरज ने बताया कि किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपने आप को पॉजिटिव रखें.
दादा बने प्रेरणा
कहकशां जबीन ने बातचीत में बताया कि उनके दादा कोर्ट में ही थे उनका नाम है स्वर्गीय खुर्शीद अहमद. उन्होंने कोर्ट में इन्हें भी जाने के लिए प्रेरित किया था. उनसे प्रेरणा लेकर इन्होंने इस परीक्षा की तैयारी की थी और यह उनका दूसरा प्रयास था जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की है. उन्होंने जो बच्चे परीक्षा में प्रथम प्रयास में नहीं निकाल पाते हैं तो हार मान लेते हैं उनके लिए कहा कि अगर प्रथम प्रयास में सफलता हासिल न हो तो खुद को संभाले, ध्यान रखें क्योंकि वक्त सबका आता है और जब वक्त आता है तो सब कुछ बदल जाता है.
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