तीन माह की रोक के बाद जिला कारागार में बंदियों से मिलने उनके परिजन पहुंचे तो वे भावुक हो गए. (सांकेतिक तस्वीर)
लखनऊ. कोरोना आमिक्रॉन (Corona amicron) के बढ़ते मामलों पर जिला जेलों में बंदियों से उनके परिजनों की मिलनी को रोक दिया गया था. अब तीन माह बाद जिला कारागार में मुलाकातों को एक बार फिर शुरू किया गया है. इस दौरान जेल में मिलने पहुंचे अपनों को देखकर बन्दी भावुक हो गए. बंदियों और उनके परिजनों की आंखें भर आईं. कई बन्दी खुद पर काबू नहीं रख पाए और जोर जोर से बिलखने लगे. मुलाकात के दौरान घर के सदस्यों में बंदियों की पत्नी, पिता, बेटा व भाई भी आंसू नहीं रोक पाए और घर के लोग उन्हें जल्द जमानत कराकर रिहाई की दिलासा देकर लौट आए.
गौरतलब है कि जनवरी माह से ही उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों से मिलाई पर रोक लगी थी. प्रदेश में ओमीक्रोन के मामले बढ़ने पर शासन ने जेलों में बन्दियों की मुलाकात पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद से बन्दी घरवालों का बंदियों से मिलना बंद हो गया था. 23 मार्च को शासन द्वारा मुलाकात की पाबंदी हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. इसके अगले दिन से जेल प्रशासन ने मुलाकात करानी शुरू कर दी.
जिला कारागार लखनऊ में रविवार को करीब 180 मुलाकात की पर्ची लगीं. जेल प्रशासन ने उन मुलाकातियों को इजाजत दी, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज या कोरोना जांच रिपोर्ट की कॉपी उनके पास थी. अन्य को बिना मुलाकत के ही लौटना पड़ा. वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक शासन से जारी नियम और शर्तों के अनुसार बंदियों की मुलाकात शुरू कर दी गई है, लेकिन कोरोना गाइडलाइन का अभी भी पालन किया जा रहा है.
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