सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रशासनिक छवि से सुधरी प्रदेश की कानून व्यवस्था (फाइल फोटो)
लखनऊ. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए नज़ीर बना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति सख्त तेवर का असर इन आंकड़ों में साफ़ देखने को मिल रहा है. ‘योगी मॉडल’ से प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधरी है और यूपी की जनता सुरक्षित हुई है. चाहे संगठित अपराध की बात हो या फिर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, सभी में कमी देखने को मिली है.
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में प्रदेश में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले दर्ज हुए थे, जो 2021 में घटकर 16838 हो गए हैं. यानी बाल अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी आई है. उसी तरह 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59853 मामले दर्ज हुए थे जो 2021 में घटकर 56083 हो गए. 2019 की तुलना में 2021 में महिला अपराधों में 6.2 फीसदी की कमी आई है.
साइबर क्राइम के मामले में भी कमी
साइबर क्राइम के मामले भी 2021 में घटकर 8829 हो गए. आंकड़ों के मुताबिक साइबर क्राइम के मामलों में 22.6 फीसदी की कमी आई है.
UP में सांप्रदायिक सौहार्द बरकरार
NCRB के डाटा के मुताबिक यूपी में सांप्रदायिक सौहार्द बरकरार है. NCRB की रिपोर्ट मे यूपी दंगामुक्त प्रदेश बना है. 2021 में केवल एक सांप्रदायिक हिंसा की घटना दर्ज हुई है, जबकि 2019 और 2020 में एक भी दंगा नहीं हुआ. आगरा देश की बात करें तो 2021 में कुल 378 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज हुईं. सबसे ज्यादा झारखंड में 100, बिहार-51, राजस्थान-22, महाराष्ट्र-77, और हरियाणा में 40 घटनाएं दर्ज की गई.
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