UP: चर्चित प्रकरण में पुलिस कर रही है लीपा-पोती की कोशिश (सांकेतिक फोटो)
लखनऊ. बसपा सांसद अतुल राय (BSP MP Atul Rai) पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता के दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट (SC) के बाहर आत्मदाह करने और बाद में उसकी मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान ले लिया है. एनएचआरसी ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के डीजीपी (DGP, UP) और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को नोटिस भेजा है. बता दें पीड़िता और उसके एक साथी 16 अगस्त को आत्मदाह किया था, बाद में दोनों ने आरएमएल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
एनएचआरसी ने मामले में चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी भी देनी होगी. साथ ही डीजीपी यूपी को एनएचआरसी ने निर्देश दिया है कि पीड़िता के परिवार को सुरक्षा का ध्यान रखें.
आयोग के अनुसार ये चौंकाने वाला है कि किस तरह रेप पीड़िता खुद को सिस्टम के हाथों सताया हुआ महसूस कर रही थी. आत्मदाह से पहले उन्होंने फेसबुक पर लाइव वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें युवती कह रही है कि जून 2019 में उसने सांसद के खिलाफ यूपी में रेप केस दर्ज कराया लेकिन पुलिस अधिकारी आरोपी का ही साथ देते रहे. सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए उसके खिलाफ ही झूठा केस दर्ज कर लिया गया और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करा दिया गया.
उधर घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित डीजी आरके विश्वकर्मा की समिति ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. माना जा रहा है कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर वाराणसी में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों की मुसीबत बढ़ सकती है. इस केस में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार किए जा चुके हैं, वहीं बसपा सांसद अतुल राय पहले से ही जेल में बंद हैं.
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