रिपोर्ट-अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. क्या आपको पता है लखनऊ में 500 साल पुराना श्री बटुक भैरव मंदिर है, जो कि वजीरगंज में स्थित है. इस मंदिर की मान्यता जानकर आप भी चौंक जाएंगे. कहते हैं कि जो भी शत्रु पीड़ित हो या अपने शत्रु पर विजय हासिल करना चाहता हो वो इस मंदिर में दर्शन करे. ऐसा करने से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी साथ में उसके शत्रु भी हार जाएंगे. खास तौर पर रविवार के दिन अगर यहां पर आकर चार मुखी दीपक जलाया जाए तो कहते हैं चारों दिशाओं से आने वाले संकट कट जाते हैं.
यहां पर रविवार के दिन ही विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यूं तो यह मंदिर सुबह के पांच बजे खुल जाती है और रात में करीब दस बजे बंद होती है. रविवार के दिन विशेष तौर पर सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ यहां पर लगती है. यही नहीं इस मंदिर में एक मान्यता यह भी है कि यहां पर आकर कुत्तों को अगर बिस्किट खिलाई जाए तो मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर के पुजारी कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि यह मंदिर नवाबों के वक्त की है. नवाबों ने ही इसे बनवाया था. बटुक भैरव को सभी ग्रहों पर विजय प्राप्त है इसीलिए यहां पर पूजा आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं.
लखनऊ का कोतवाल कहते हैं
इस मंदिर में श्री बटुक भैरव का बाल रूप है. कहते हैं दिनभर इस मंदिर में बाबा की आंखों की दिशा बदलती रहती है. यही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में दो ही बेहद प्राचीन और मशहूर बटुक भैरव के मंदिर हैं पहला है काशी में जहां पर काशी के कोतवाल के नाम से उनकी पूजा की जाती है वहीं लखनऊ में श्री बटुक भैरव मंदिर है जहां पर इनके बाल रूप की पूजा की जाती है और यहां इन्हें लखनऊ का कोतवाल भी कहते हैं.
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यह मंदिर सुबह 5 बजे खुलती है रात में 10 बजे बंद होती है. बाबा का मुख उत्तर दिशा की ओर है. यहां पर आरती सुबह 8 होती है और शाम को 7 बजे होती है. मंदिर दोपहर 12 बजे बंद हो जाती है फिर करीब 3 बजे के आसपास खुल जाती है. ऑनलाइन दर्शन की सुविधा फिलहाल अभी नहीं है.
नोट-मंदिर की मान्यताओं की पुष्टि Local18 नहीं करता है.
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