होम /न्यूज /उत्तर प्रदेश /दो दिग्गज घरानों के सहारे पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साधने में जुटीं प्रियंका गांधी!

दो दिग्गज घरानों के सहारे पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साधने में जुटीं प्रियंका गांधी!

प्रियंका गांधी की बोट यात्रा

प्रियंका गांधी की बोट यात्रा

पूर्वांचल की राजनीति में दो घरानों का दबदबा हमेशा से रहा है. पहला काशी का औरंगाबाद हाउस और दूसरा भदोही का काशी सदन.

    उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री महज एक संयोग नहीं बल्कि कांग्रेस की दूरगामी रणनीति का हिस्सा है. प्रियंका गांधी की जिम्मेदारी पूर्वांचल के उस वोट बैंक की 'घर वापसी' कराना है, जिसकी बदौलत सूबे में हाशिए पर पहुंची कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो सके. दरअसल पूर्वांचल की राजनीति की बात हो और दो घरानों का जिक्र न हो तो ये नाइंसाफी होगी. पूर्वांचल की राजनीति में दो घरानों का दबदबा हमेशा से रहा है. पहला काशी का औरंगाबाद हाउस और दूसरा भदोही का काशी सदन है.

    औरंगाबाद हाउस से पंडित कमलापति त्रिपाठी का नाम जुड़ा है तो भदोही के काशी सदन से पंडित श्यामधर मिश्रा का. ये दोनों घराने पूर्वांचल में ब्राहमण मतदाताओं के साथ अन्य पिछड़ी जातियों को कांग्रेस से जोड़े रखने में अहम थे. लेकिन समय के साथ रियासतों का दौर खत्म होता गया और सियासी घरानों की राजनीति ने अपना पैर जमाया. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान इसी वोट बैंक को जीवित करने के लिए प्रियंका ने इलाहाबाद से भदोही के रास्ते वाराणसी तक बोट से सफ़र किया था. ताकि ब्राह्मण से लेकर निषाद, बिंद, मल्लाह और केवट जैसी जातियों को लुभाया जा सके.



    दरअसल औरंगाबाद हाउस और काशी सदन काशी नरेश की रियासत का हिस्सा थे. भदोही जिला बनने से पहले ये दोनों ही स्टेट वाराणसी में आते थे. पंडित कमलापति त्रिपाठी और पंडित श्यामधर मिश्र यहां आज भी विकास पुरुष और जननायक के रूप में जाने जाते हैं. श्यामधर मिश्र बिना चुनाव लड़े 27 साल तक राज्यसभा सदस्य के तौर पर केंद्रीय मंत्री भी रहे. हालांकि इंदिरा कांग्रेस में बगावत के बाद श्यामधर मिश्र अर्श कांग्रेस में चले गए. हालांकि इंदिरा के मनाने पर वह वापस कांग्रेस में आ गए. 1962 में उन्होंने मिर्जापुर-भदोही सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे.

    पूर्वांचल की राजनीति में भदोही के काशी सदन का योगदान भुलाया नहीं जा सकता. हालांकि इस समय कांग्रेस यूपी और भदोही में हाशिए पर है, लेकिन पार्टी की राजनीति में इस परिवार का आज भी दबदबा कायम है. दरअसल जानकार बताते हैं कि ब्राह्मण मतदाताओं का कांग्रेस से अलग होना और जाति आधरित दलों के जन्म लेने से कांग्रेस के परम्परागत वोट उससे छिटक गए और कांग्रेस हाशिए पर पहुंच गई. इतना ही नहीं पूर्वांचल का ब्राह्मण भी कांग्रेस से दूर छिटक गया. लेकिन इस बार कांग्रेस ने कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को मिर्जापुर से मैदान में उतारा है. राजेशपति त्रिपाठी के पुत्र ललितेशपति और औरंगाबाद हाउस का दबदबा आज भी यहां देखने को मिलता है.

    प्रियंका गांधी की बोट यात्रा का रूट इसी वोट बैंक को फिर से अपने पाले में लाने के उद्देश्य से ही तैयार किया गया था. प्रियंका भदोही में श्यामधर मिश्र के मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया था. इसी घराने की नीलम मिश्रा पार्टी की जिलाध्यक्ष भी हैं. उसके बाद मिर्जापुर में विन्ध्याचल धाम में दर्शन पूजन और मजार पर चादरपोशी इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा था. लिहाजा पार्टी की कोशिश है कि अपने उस काडर को फिर से मोबिलाइज किया जाए जिससे 2022 तक उसका संगठन तैयार हो सके.

    वरिष्ठ पत्रकार और पॉलिटिकल मामलों के जानकार रतनमणि लाल कहते हैं कि अब सोनिया गांधी अब पिक्चर से बाहर हैं. अब पूरी जिम्मेदारी राहुल और प्रियंका गांधी की है. लिहाजा अच्छा या बुरा जो भी होगा उसकी जिम्मेदारी भी दोनों की होगी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राहुल और प्रियंका अब पूरी रणनीति और उससे जुड़े फैसले खुद ले रहे हैं. इसमें वाराणसी से प्रियंका के चुनाव लड़ने की बात और फिर अजय राय को उम्मीदवार बनाने की गलती भी शामिल है. लेकिन यह जरूर है कि उनकी कोशिश पार्टी के संगठन को खड़ा करने की है. इसके लिए वे हर वो कोशिश करेंगे जिससे उनका वोट बैंक जुड़ सके. बोट यात्रा, मंदिर भ्रमण और महिलाओं व बच्चों से मिलना इसी का हिस्सा है.

    रतनमणि लाल ने कहा कि सपा-बसपा से दुश्मनी मोल लेकर राहुल और प्रियंका ने एक बात तो की है कि अपने संगठन को मजबूत कर दिया है. लिहाजा 2022 तक कांग्रेस में जान फूंकने के लिए कई अन्य प्रयोग भी देखने को मिल सकते हैं.

    ये भी पढ़ें:

    भाषण के कारण नहीं अपनी गायकी के कारण सुर्खियों में हैं मंत्री अनुप्रिया पटेल

    ...वरना 80 सीटों पर हमारे प्रत्याशी चुनाव लड़ते: राजा भैया

    एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएगी आपके पाससब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsAppअपडेट्स

     

    आपके शहर से (लखनऊ)

    Tags: Bhadohi S24p78, Congress, Lok Sabha Election 2019, Lucknow news, Lucknow S24p35, Priyanka gandhi, Varanasi S24p77

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें