संकेत मिश्र
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद अपनी पूरी जी जान से जुटे हुए हैं. इस बीच उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग की छवि को सुधारते हुए सड़कों की हालत सुधारने के साथ निर्माण निगम और सेतु निगम को दूसरे राज्यों में काम लेकर योजनाओं को अमली जामा पहनाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ 100 दिन की कार्ययोजनाओं को पूरा करने के साथ ही बड़ी योजनाएं और सुलभ आवागमन के लिए सड़कों का जाल तैयार करने पर फोकस रखा है.
विभागीय मंत्री ने वर्ष 2024 से पहले अधिकांश योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है. साफ है कि लोकसभा चुनावों से पहले पीडब्ल्यूडी विभाग अपनी सभी बड़ी योजनाएं पूरी करेगा. रेलवे के साथ एमओयू कर एक लाख से अधिक टीवीयू वाले समस्त लेवल क्रॉसिंग पर आरओबी निर्माण हेतु प्रस्ताव मांगे हैं. इसके साथ कहा कि यूपी की 50 बड़ी परियोजनाओं को चिन्हित कर उनका काम कराया जाए. वहीं, मार्गों के पंचवर्षीय अनुरक्षण व्यवस्था को लागू करने के साथ जनप्रतिनिधियों के द्वारा मिले प्रस्तावों को कार्ययोजना में शमिल किया जाए. प्रसाद ने कहा कि निर्माण कार्य मानक के हिसाब से कराए जाएं और किसी तरह की कोई शिथिलता न बरती जाए. जबकि दो राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़े जाने वाले मार्गों का सर्वेक्षण कर राष्ट्रीय मार्ग घोषित कराने के लिए भारत सरकार से स्वीकृत हेतु प्रस्ताव भेजा जाए.
पीडब्ल्यूडी की रुकी परियोजनाएं होंगी शुरू
इसके साथ पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि विभाग की कई परियोजनाओं के कार्य वन भूमि के कारण रुके हैं, इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों से बैठक कर शुरू कराए जाएं. मार्गों के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाए, ताकि मार्ग अवरूद्ध न हों. वहीं, आम जनता की शिकायतों के निस्तारण की पारदर्शी व्यवस्था शुरू की जाए.
प्रसाद के केंद्रीय मंत्रालयों के अनुभव से पीडब्ल्यूडी के अफसरों में हड़कंप
जितिन प्रसाद के केंद्रीय मंत्रालयों के अनुभव से पीडब्ल्यूडी के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है. उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग संभालते ही अफसरों से विभागीय कार्यों का ब्यौरा तलब करने के साथ ही नकारा अफसरों के पेच कसने शुरू कर दिए थे. इसके अलावा निर्माण निगम में वर्षों से जमे पीडब्ल्यूडी के डेपुटेशन वाले इंजीनियरों पर कारवाई तेज कर दी. वहीं निर्माण निगम में पॉलिटेक्निक शिक्षक जीएम बने बैठे लोगों की पड़ताल शुरू करा दी है. बता दें कि जितिन प्रसाद ने एनएचएआई, इस्पात, पेट्रोलियम और एचआरडी मंत्रालय को चलाने का अनुभव है. यही वजह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग में तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने में दिक्कतें नहीं आएंगी.
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