मायावती ने रामचरित मानस विवाद पर अखिलेश यादव को घेरा . (तस्वीर: Wikimedia Commons)
लखनऊ. सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लकेर की गई टिप्पणी और ‘शूद्र’ को लेकर छिड़ी जंग के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को शूद्र बुलाकर सपा इनका अपमान कर रही है. मायावती ने अखिलेश यादव को 1995 के लखनऊ गेस्ट हाउसकाण्ड की भी याद दिला दी.
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है, जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे.
अपने गिरेबान में झांके अखिलेश
मायावती ने आगे लिखा, इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं। साथ ही, सपा प्रमुख द्वारा इनकी वकालत करने से पहले उन्हें लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस के दिनांक 2 जून सन् 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में जरूर झाँककर देखना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था.
अखिलेश यादव का पलटवार
मायावती के इस बयान के बाद अलखिलेश यादव ने भी पलटवार किया. अखिलेश यादव ने अप्रत्यक्ष रूप से मायावती को बीजेपी का एजेंट बता दिया. उन्होंने कहा, “बीजेपी होशियार पार्टी है. जिनका जवाब वह नहीं देना चाहती, उसके लिए दूसरे दल को आगे करती है.
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Tags: Akhilesh yadav, BSP chief Mayawati
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