अखिलेश यादव और बाहुबली नेता रमाकांत यादव.
लखनऊ. समाजावादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए अभी से कमर कस ली है. इसके लिए जोड़ तोड़ की शुरुआत भी की जा चुकी है. जिसका उदाहरण भी रविवार को देखने को मिला. पूर्वांचल के प्रभावशाली नेता रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) और फूलन देवी (Phoolan Devi) की बहन रुक्मणी निषाद समेत कई नेता सपा में शामिल हो गए. सियासी समीकरण ऐसे बदले कि 2004 में सपा से बाहर होने के बाद खुद की लाश तक सपा में नहीं जाने देने वाली बात कहने वाले रमाकांत ने फिर पार्टी का दामन थाम लिया.
जातीय समीकरण और बाहुबल पर टिकी आस
2022 में होने वाले चुनावों को लेकर सपा 'बाहुबल' और 'जातीय समीकरण' को एक जुटकर सूबे में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करना चाह रही है. पूर्वांचल पर नजर डालें तो यहां की कई सीटों पर प्रभावशाली नेता रमाकांत यादव का खासा प्रभाव है. अब माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में रमाकांत यादव को पूर्वांचल की दो सीटों पर जीत की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
हम एक परिवार हैं
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि समाजवादी पार्टी इमोशनल पार्टी है. जो सभी के दुख-सुख को साथ लेकर चलती है. आजमगढ़ के प्रभावशाली नेता रमाकांत यादव के सपा में शामिल होने पर भदौरिया कहते हैं कि परिवार में नारजगी कितनी देर तक हो सकती है. समाजवादी रिश्ता ही ऐसा बना हुआ है. रमाकांत यादव कुछ दिनों पहले परिवार में कुछ क्षण के लिए रूठ गए थे, अब वो खुद घर वापस लौट आए हैं.
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